छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में दिल दहला देने वाला एक मामला सामने आया है. जहां चोरी के शक में दस साल की एक मासूम बच्ची को पडोस में रहने वाली महिला ने आग के हवाले कर दिया. इससे पहले आरोपी महिला ने बच्ची को जमकर पिटाई भी की. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
अंबिकापुर शहर से सटे ग्राम मेंड्राकला स्कूलपारा निवासी जगलाल तिर्की की की दस वर्षीय बेटी आराधना अपनी सहेलियों के साथ अपने घर के सामने लुकाछिपी खेल रहे थी. इसी दौरान आराधना पड़ोस के ही एक घर में जा छिपी. तभी वहां मौजूद घर की मालकिन छोटी बाई की नजर आराधना पर पड़ गई. वो उसे देखकर गुस्से से आगबबूला हो गई.
महिला को शक हुआ कि बच्ची उसके घर में चोरी करने की नीयत से घुसी थी. बस इसी बात पर महिला ने बच्ची पर जमकर कहर ढाया. पहले तो उसने बच्ची की जमकर पिटाई की और बाद में सारी हदें पार करते हुए उस पर मिटटी का तेल डालकर आग लगा दी. बच्ची महिला से गुहार लगाती रही लेकिन उस महिला को तरस नहीं आया.
बच्चों आग की लपटों में घिर गई. घर के आंगन में वह चिख रही थी. उसकी चीख पुकार सुनकर कुछ बच्चों ने शोर मचाया और लोग मौके पर आए. बच्ची 70 प्रतिशत जल चुकी थी. उसे फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वो अब जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है.
पुलिस हैरान है कि घटना बीती 16 जनवरी की है लेकिन बच्ची के परिजनों इस घटना की जानकारी देर से पुलिस को दी. प्राथमिक जांच के बाद अंबिकापुर के एसपी ने आरोपी महिला के खिलाफ दफा 307 का मुकदमा दर्ज कराया है. वहीं पुलिस की एक टीम ने मेडिकल कॉलेज जाकर पीड़ित बच्ची का बयान भी दर्ज किया है.
पुलिस के मुताबिक मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन ने भी इस घटना की कोई जानकारी स्थानीय थाने को नहीं दी थी. जबकि आमतौर पर किसी भी संदेहास्पद घटना की जानकारी अस्पताल प्रबंधन पुलिस को देता है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.