टेरर फंडिंग मामले में एटीएस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. एटीएस ने मामले में दो आरोपियों को गुरुवार को गिरफ्तार किया. सिराजुद्दीन और फहीम को उत्तर प्रदेश के बरेली से गिरफ्तार किया गया है.सिराजुद्दीन के पास से 2 मोबाइल, एक कार, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और फहीम के पास से एक मोबाइल फोन बरामद किया गया.
11 अक्टूबर को गिरफ्तार 4 आरोपियों से पूछताछ के बाद इनके नाम सामने आए थे. यह लोग बाहर के देशों से रकम नेपाल के खाते में जमा करवाते थे और खाताधारक को 5 प्रतिशत कमीशन देते थे. ये नेपाल के खाते से रकम निकालकर भारतीय सीमा में लाकर रुपये में बदलवाते थे. आरोपी मुद्रा बदलवाने वाले को भी 5 प्रतिशत कमीशन देते थे.
बता दें इससे पहले 11 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से टेरर फंडिंग का काम करने वाला गिरोह पकड़ा गया था. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने बताया था कि हमने उम्मीद अली, संजय अग्रवाल, शमीम सलमानी समेत एक आरोपी को गिरफ्तार किया है.
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इन सबने नेपाली बैंक की बेबसाइट हैक कर 49 लाख रुपया निकाला और भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए पैसा भेजा. इस गिरोह के एक सदस्य मुमताज की तलाश नेपाल और यूपी पुलिस कर रही है.
पुलिस की ओर से जारी तस्वीर
पुलिस को जानकारी मिली थी कुछ लोग नेपाल से अवैध रूप से धन मंगाकर भारत में आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों तक पहुंचा रहे हैं. 10 अक्टूबर को काफी मात्रा में नेपाल से धनराशि लाई जा रही थी.
इस सूचना के आधार एटीएस और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने उम्मेद अली निवासी बरेली, संजय अग्रवाल निवासी लखीमपुर खीरी, समीर सलमानी निवासी बरेली और एजाज अली निवासी लखीमपुर खीरी को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि मुमताज, फहीम, सिराजुद्दीन और सदाकत अली के कहने पर यह काम कमीशन लेकर करते थे.