लखनऊ मुठभेड़ में ढेर हुए आतंकी सैफुल्ला के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. मिली जानकारी के अनुसार, सैफुल्ला ने हाजी कॉलोनी में पढ़ाई का हवाला देकर कमरा किराए पर लिया हुआ था. इसके लिए वह हर महीने तीन हजार रुपये किराया देता था.
हाजी कॉलोनी के सीएमडी अकरम सिद्दीकी ने इस बारे में बताया कि जिस मकान में एटीएस ने ऑपरेशन कर आतंकी सैफुल्ला को मार गिराया, वह मकान मलीहाबाद निवासी बादशाह खान नामक शख्स का है. बादशाह खान ने तकरीबन 8 साल पहले खलीक साहब से यह मकान खरीदा था.
2-3 महीने पहले रहने आया था सैफुल्ला
बादशाह खान दुबई में अरी जरदोजी का बिजनेस करते हैं. बादशाह खान ने पड़ोस में रहने वाले कयूम साहब को मकान की देख-रेख का जिम्मा सौंपा था. कयूम ने करीब 2-3 महीने पहले ही सैफुल्ला को किराए पर रहने के लिए इस मकान में कमरा दिया था. सैफुल्ला ने कमरा किराए पर लेते हुए अपना पहचान पत्र भी दिया था.
तीन हजार रुपये किराया देता था सैफुल्ला
सैफुल्ला कमरे के लिए तीन हजार रुपये किराया दे रहा था. सैफुल्ला ने कयूम को बताया था कि वह पढ़ाई कर रहा है और ज्यादा समय के लिए यहां नहीं रहेगा. अकरम सिद्दीकी ने कहा, शहर के बाहर हरदोई रोड पर होने की वजह से हाजी कॉलोनी मे अक्सर चोरी की घटनाएं होती रहती हैं. कुछ साल पहले भी एसटीएफ की टीम यहां एक मामले में दबिश दे चुकी है.
सुरक्षा बढ़ाने की कई बार कर चुके हैं अपील
अकरम सिद्दीकी की मानें तो वह पुलिस से कई बार यहां सुरक्षा बढ़ाने की अपील कर चुके हैं. इसके अलावा कॉलोनी में लगभग 35 मकान हैं, जिसमें लोग रह रहे हैं. इसमें कई किराएदार भी शामिल हैं. किराएदारों के वेरिफिकेशन और पड़ताल के लिए भी वह कई बार पुलिस से कह चुके हैं, मगर इसके बावजूद पुलिस का रवैया हमेशा से ही ढुलमुल रहा है.
मुठभेड़ में मार गिराया गया आतंकी सैफुल्ला
बताते चलें कि मंगलवार को भोपाल में हुए ट्रेन ब्लास्ट के बाद यूपी एटीएस ब्लास्ट के तार जोड़ते हुए लखनऊ पहुंच गई थी. एटीएस को लखनऊ में एक संदिग्ध आतंकी के छिपे होने की सूचना मिली थी. कई घंटों चले ऑपरेशन के बाद संदिग्ध आतंकी सैफुल्ला की घेराबंदी कर उसे मार गिराया गया. इस मामले में एटीएस ने गुरुवार को दो संदिग्ध आतंकियों गौस मोहम्मद उर्फ जीएम और अजहर को कानपुर से गिरफ्तार किया था. संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ जारी है.