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नोएडा में ठक ठक गैंग से जरा बचके, बदमाशों ने बताया कैसे करते हैं वारदात

इस गिरोह के लोग मूल रूप से तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं. और शुरू से ही दिल्ली के मदन गिरी में रहते हैं. सुबह के वक्त ये लोग एरिया तय कर लेते और दो और तीन की संख्या में ग्रुप बनाकर निकल लेते.

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नोएडा में ठक ठक गैंग
नोएडा में ठक ठक गैंग

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राजधानी दिल्ली के बाद अब ठक ठक गिरोह ने नोएडा में भी दस्तक दे दी है. पिछले एक महीने में ही ठक ठक गिरोह ने दो दर्जन से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुका है. इसके बाद नोएडा पुलिस ने इन्हें पकड़ने के लिए एक विशेष टीम बनाई. जिसने करीब हफ्ते भर की मेहनत के बाद इस गिरोह के दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है.

इस गिरोह के लोग बड़े ही शातिर होते हैं. पक्के निशानेबाज भी होते हैं. क्राइम करने का इनका तरीका भी बेहद अलग होता है. सबसे पहले ये अपना टारगेट सेट करते हैं. इनका टारगेट कोई भी ऐसी कार होती है जिसमें बैग रखा हो, खासकर लैपटॉप बैग, या फिर कोई शख्स कार में अकेला बैठा हो और इन्हें पता चल जाए कि उसके पास कैश है.

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इसके बाद दूर बैठा उनका कोई साथी गुलेल से निशाना लगाकर कार का शीशा तोड़ देता है और इसके बावजूद जब किसी की कार की तरफ ध्यान नहीं जाता तो पास में मौजूद इनके गिरोह के सदस्य कार खोलकर बैग उड़ा देता. दूसरे तरीके में ये कोई शख्स अगर अकेला बैठा हो तो उसके कार के सामने दस और बीस के नोट बिखरा देते हैं. फिर गैंग का एक सदस्य उससे आकर पैसों के बारे में कहता कि उसका गिरा है क्या और फिर जैसे ही कार में बैठा शख्स रुपयों को उठाने के लिए कार से बाहर निकलता है इनके घात लगाए साथी कार से बैग उड़ा देते हैं.

इस तरह से इस गैंग ने नोएडा पुलिस और वहां के रहने वालों के नाक में पिछले एक महीने से दम कर रखा था. पुलिस की टीम ने इस गैंग के दो बदमाशों को रंगे हाथों सेक्टर 58 के इलाके में उस वक्त गिरफ्तार कर लिया जब वो कार का शीशा तोड़ कर लैपटॉप चोरी कर भाग रहे थे.

पूछताछ में दोनों ने अपना नाम संजय और विनेश बताया और साथ ही ये भी बताया कि गैंग में कुल सात लोग शामिल हैं. अब पुलिस बाकी के पांच लोगों की तलाश में जुट गई है. पुलिस ने इन दोनों के पास से दो तमंचे, चार लैपटॉप, गुलेल, छर्रे, और एक कार बरामद की है.

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इस गिरोह के लोग मूल रूप से तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं. और शुरू से ही दिल्ली के मदन गिरी में रहते हैं. सुबह के वक्त ये लोग एरिया तय कर लेते और दो और तीन की संख्या में ग्रुप बनाकर निकल लेते. कई जगह ये चोर मिर्ची स्प्रे का भी इस्तेमाल कर घटना को अंजाम देते हैं. इसके अलावा पब्लिक से घिरने की स्थिति से निपटने के लिए अपने पास तमंचे भी रखते हैं.

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