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बहुत जल्द खत्म हो जाएगी आईएसआईएस की कहानी

आईएसआईएस के सरगना अबू बकर अल बगदादी की सनक इराक और सीरिया के कुछ शहरों पर कब्जे से शुरू हुई थी. इसके बाद ही उसने पूरी दुनिया पर कब्जे करने का सपना देखा था. मगर अब जिस तरह से एक के बाद एक उसके क़िले ढह रहे हैं, वो इस बात का इशारा है कि आईएसआईएस की कहानी बहुत जल्द खत्म होने वाली है.

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अमेरिका और रूस के हमलों ने आईएस की कमर तोड़ दी है
अमेरिका और रूस के हमलों ने आईएस की कमर तोड़ दी है

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आईएसआईएस के सरगना अबू बकर अल बगदादी की सनक इराक और सीरिया के कुछ शहरों पर कब्जे से शुरू हुई थी. इन दो देशों के कुछ शहरों पर कब्जा करने के बाद ही उसने पूरी दुनिया पर कब्जे करने का सपना देखा था. और फिर कई देशों में खून-खराबा भी किया. मगर अब जिस तरह से एक के बाद एक उसके क़िले ढह रहे हैं, वो इस बात का इशारा है कि आईएसआईएस की कहानी बहुत जल्द खत्म होने वाली है.

जंग के मोर्चे पर आईएसआईएस एक के बाद एक शिकस्त का मुंह देख रहा है. आंकड़ों की बात करें तो आईएस का 2014 तक इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्ज़ा था. लेकिन बीते 11 महीने में आईएस के कब्जेवाला 50 फीसदी हिस्सा उसके हाथ से निकल चुका है. वहीं सीरिया में भी उसे 20 फीसदी हिस्सा गंवाना पड़ा है.

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इराक के बड़े शहर रामादी, तिकरीत, सिंजर और अब फालूजा को गंवाने के बाद आईएस की कमर टूट चुकी है. अमेरिका की अगुवाई में नाटो फौज के हवाई हमलों ने जहां इराक में आईएस के नाक में दम कर रखा है वहीं रूस हवाई हमलों ने सीरिया में आईएस का जीना मुहाल कर दिया है.

कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस की यह हालत इसलिए हुई क्योंकि वह चारों तरफ से घिर गया है. जहां इराक के मोसुल में एक तरफ कुर्दों से आईएसआईएस की जंग चल रही है. वहीं इराकी फौज और अमेरिकी हमलों से भी उसे मुंह की खानी पड़ रही है.

दूसरी तरफ सीरिया की बात करें तो राष्ट्रपति असद की फौज भी आईएसआईएस पर जोरदार हमले कर रही है. असद को अपना दोस्त बताने वाला रूस भी आईएस को बख़्शने के मूड में नहीं दिखता तभी तो सीरिया में जोरदार हवाई हमलों ने इस आतंकी संगठन की हालत पतली कर दी है.

आईएस के कब्ज़े से फालूजा शहर भी आजाद हो चुका है. अब आईएस के कब्जे में इराक के मोसुल का कुछ इलाका है जबकि सीरिया में भी बगदादी के कब्ज़े में सिर्फ आईएस की राजधानी रक्का और आसपास के कुछ इलाके ही बचे हैं. इन सभी हालातों को देखकर साफ हो गया है कि बगदादी की बर्बादी के दिन बेहद करीब हैं.

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