हरियाणा के सोनीपत में ऑनर किलिंग का एक मामला सामने आया है. यहां एक ही परिवार के तीन लोगों की गोली मारकर बेरहमी से हत्या कर दी गई. घटना के बाद से आरोपी फरार हैं. पुलिस की चार टीम आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही हैं.
सोनीपत के खरखौदा में शुक्रवार रात हुए ट्रिपल मर्डर केस से इलाके में सनसनी फैल गई. शुरुआती जांच में पुलिस को अंदाजा नहीं था कि मामला ऑनर किलिंग से जुड़ा हो सकता है, लेकिन जैसे-जैसे पड़ताल आगे बढ़ती गई हत्याकांड की परतें खुलती गई. पुलिस के अनुसार, मृतक प्रदीप (27 वर्ष) ने चार साल पहले सुशीला से इंटरकास्ट मैरिज की थी. दोनों ने घर से भागकर शादी की थी.
सुशीला का परिवार नहीं था खुश
इस शादी से सुशीला के घरवाले खुश नहीं थे. लेकिन बीतते वक्त ने मानो जैसे सब कुछ ठीक कर दिया था. सुशीला का बड़ा भाई मोनू अक्सर अपनी बहन से मिलने उसके घर आने लगा. सुशीला की मां और बहन भी उससे घर से बाहर मिलने लगी थी. दोनों को इस बात का जरा भी इल्म नहीं था कि मोनू किसी साजिश को अंजाम देने की फिराक में सही वक्त का इंतजार कर रहा है.
बरसाईं ताबड़तोड़ गोलियां
फिर वहीं हुआ जिसका मोनू इंतजार कर रहा था. शुक्रवार रात मोनू अपनी बुआ के लड़के हरीश के साथ सुशीला के घर पहुंचा और फिर दोनों ने जमकर प्रदीप और उसके परिवार पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं. इस अचानक हुए हमले में प्रदीप, उसके पिता सुरेश और मां सुनीता की मौत हो गई, जबकि सुशीला और एक अन्य सदस्य गंभीर रुप से घायल हो गए.
नहीं पसीजा भाईयों का दिल
सुशीला के अपने भाइयों के सामने गिड़गिड़ाने के बाद भी मोनू और हरीश का दिल नहीं पसीजा. वह दोनों परिवार पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाते रहे. वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों वहां से फरार हो गए. पुलिस की जांच में पता चला है कि मोनू और हरीश इरादतन बदमाश हैं. दोनों पर झज्जर, रेवाड़ी, गुड़गांव, नारनौल और दादरी में हत्या, डकैती, लूट और धमकी देने के कई मामले दर्ज हैं.
हरीश पैरोल पर आया था बाहर
पुलिस के मुताबिक, साल 2008 में हरीश ने अपनी बुआ और उसके लड़के पर जानलेवा हमला किया था. इस मामले में हरीश को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. जिसके बाद वह जुलाई में 42 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आया था, लेकिन वह पैरोल जंप कर गया. सोनीपत के एसपी अश्विन शेणवी ने पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाए जाने की बात कहते हुए आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का भरोसा दिलाया है.