वाराणसी हिंसा: पुलिस की भूमिका संदिग्ध, वायरल हुई तस्वीरें
प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में सोमवार को संतों की प्रतिकार यात्रा के दौरान हुए लाठीचार्ज और आगजनी मामले में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही कुछ तस्वीरें के जरिए इसका दावा किया जा रहा है.
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वाराणसी हिंसा में पुलिस की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है.
- वाराणसी,
- 07 अक्टूबर 2015,
- (अपडेटेड 08 अक्टूबर 2015, 10:41 AM IST)
प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में सोमवार को संतों की प्रतिकार यात्रा के दौरान हुए लाठीचार्ज और आगजनी मामले में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही कुछ तस्वीरें के जरिए इसका दावा किया जा रहा है. इन तस्वीरों में दिखाई दे रहा है कि बवाल के दौरान पुलिस ने खुद ही बाइक में आग लगाई थी. वाराणसी के एसएसपी आकाश कुलहरि ने इसे संज्ञान में लेते हुए जांच की बात कही है.
वाराणसी में प्रतिकार यात्रा के दौरान आगजनी-पथराव के बाद हुए लाठीचार्ज और फायरिंग के बाद मंगलवार को सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हुईं. इनमें पुलिसवाले एक जलती हुई बोरी को पास में खड़ी बाइक पर रखते दिखाई दे रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि
पुलिस ने ही जानबूझकर मीडियाकर्मियों की बाइक में आग लगाई है. पुलिसकर्मी सड़क पर जलती हुई बोरी को लाठी से उठाकर पास खड़ी बाइक पर रख रहे हैं.
लाठीचार्ज में जख्मी हुए एक फोटोग्राफर संजय गुप्ता उस वक्त मौके पर थे. उन्होंने ये तस्वीरें ली हैं. पुलिस ने बवाल में उनका कैमरा भी तोड़ दिया था. उन्होंने बताया कि उपद्रवी जब गोदौलिया चैराहे से लेकर गिरजाघर चैराहे तक तांडव कर रहे थे, तब कुछ लोग आग लगाकर बोरी फेंकने लगे. पुलिस ने उन्हें दौड़ाया, तो वे भाग गए. इसके बाद में पुलिसवालों ने जलती हुई बोरी उनके बाइक पर रख दी. इसका विरोध करने पर पिटाई कर दी.