AIADMK के पूर्व उप महासचिव और शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरन को तीस हाजरी कोर्ट ने पांच दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. दिल्ली पुलिस ने मंगलवार की देर रात दिनाकरन को गिरफ्तार कर लिया था. उन पर पार्टी चुनाव चिह्न मामले में चुनाव आयोग के अधिकारी को रिश्वत की पेशकश करने का आरोप है. इस संबंध में पुलिस दिनाकरन से पहले ही पूछताछ की जा रही थी.
AIADMK के नेता टीटीवी दिनाकरन को चार दिन पहले पूछताछ के लिए दिल्ली तलब किया गया था. मंगलवार की देर रात पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. उनके सहयोगी मल्लिकार्जुन को भी पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था. इन दोनों को बुधवार की दोपहर तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया. जहां से अदालत ने दिनाकरन को पांच दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया.
पेशी से पहले हुआ मेडिकल टेस्ट
बुधवार की दोपहर दिनाकरन को तीस हजारी कोर्ट में पेश करने से पहले पुलिस ने दिनाकरन का सफदरगंज अस्पताल में मेडिकल टेस्ट कराया. इस मामले में दिनाकरन के सहयोगी मल्लिकार्जुन को भी गिरफ्तार किया गया है. उसका भी मेडिकल कराया गया. आरोप है कि मल्लिकार्जुन ने पुलिस से बचने में दिनाकरन की मदद की है.
सुकेश चंद्रशेखर की पुलिस रिमांड बढ़ी
इससे पहले 25 अप्रैल, 2017 यानी मंगलवार शाम को दिल्ली पुलिस ने AIADMK के दोनों गुटों के बीच मध्यस्थता कराने वाले सुकेश चंद्रशेखर को आठ दिनों की पुलिस रिमांड के बाद तीस हजारी कोर्ट में पेश किया. पुलिस ने टीटीवी दिनाकरन और सुकेश के बीच कॉल रिकॉर्ड भी अदालत में पेश कर दिनाकरन को गिरफ्तार करने की बात कही. पुलिस की मांग पर जस्टिस पूनम चौधरी ने सुकेश चंद्रशेखर की पुलिस रिमांड 28 अप्रैल तक बढ़ा दी.
रिश्वत देने से किया इनकार
51 वर्षीय नेता दिनाकरन पर चुनाव आयोग के अधिकारी को पार्टी का 'दो पत्तियों' का चुनाव चिह्न अपने गुट को दिए जाने के लिए घूस देने की कोशिश का आरोप है. पुलिस ने बताया कि दिनाकरन ने सुकेश चंद्रशेखर से मिलने की बात स्वीकार की है, हालांकि दिनाकरन ने पैसे देने की बात से इनकार किया है.
क्या है पूरा मामला?
एआईएडीएमके के उप महासचिव और शशिकला के भतीजे टी.टी.वी. दिनाकरन पर पार्टी चुनाव चिन्ह को लेकर रिश्वत देने का आरोप था. बताया जा रहा है कि दिनाकरन ने इस केस में दोनों पार्टियों की ओर से मध्यस्थता करने वाले सुकेश चंद्रशेखर को 60 करोड़ रुपये की पेशकश की थी. वहीं आर.के. नगर चुनाव प्रचार के दौरान दिनाकरन पर वोटरों को रिश्वत देने का भी आरोप लगा था. इस मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने दिनाकरन के खिलाफ केस दर्ज किया था.