सजा से बचने की जोरदार कवायद के तहत दिल्ली में पिछले दिनों सामने आए सामूहिक बलात्कार कांड के छह में से दो आरोपियों ने एक अदालत में कहा कि वे सरकारी गवाह बनना चाहते हैं जबकि दो अन्य ने कानूनी मदद की गुहार लगायी.
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ज्योति क्लेर के सामने पेश किए गए चार आरोपियों में से पवन गुप्ता और विनय शर्मा नाम के दो आरोपियों ने सरकारी वकील की मदद लेने से इनकार कर दिया और लड़की से सामूहिक बलात्कार एवं बाद में उसकी हत्या के मामले में गवाह बनने की ख्वाहिश जाहिर की.
पवन और विनय के अलावा राम सिंह और उसके भाई मुकेश को भी अदालत के सामने पेश किया गया जिसने अपने बचाव के लिए सरकारी वकील की मदद मांगी.
कानूनी जानकारों का मानना है कि कोई आरोपी सजा से बचने की कवायद के तहत सामूहिक बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराध के मामले में सरकारी गवाह बनने की उम्मीद नहीं कर सकता.
जानकार बताते हैं कि जिन मामलों में जांच अधिकारियों के लिए सबूत जुटाना मुश्किल होता है उनमें वे किसी आरोपी से सरकारी गवाह बनने को कह सकते हैं और इसके एवज में आरोपी को मामूली सजा मिलती है या सजा दी ही नहीं जाती.
इस बीच, मजिस्ट्रेट ने आरोपियों की न्यायिक हिरासत 19 जनवरी तक बढ़ा दी और कहा कि जारी किए गए पेशी के मुताबिक वे सात जनवरी को संबंधित अदालत के सामने पेश हों. गौरतलब है कि तीन जनवरी को आरोपियों के खिलाफ दायर आरोप-पत्र का संज्ञान लेने के बाद पेशी वारंट जारी किया गया था.
अपने आदेश में मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘सभी आरोपियों को बताया गया है कि यदि उनके पास कोई वकील नहीं है तो वे इस मुकदमे में सरकारी वकील की मदद ले सकते हैं. आरोपी पवन और विनय ने सरकारी वकील की मदद लेने से इनकार कर कहा है कि वे सरकार की तरफ से गवाही देना चाहते हैं.’
अदालत ने कहा, ‘आरोपी राम और मुकेश ने किसी वकील की मदद नहीं ली है, लिहाजा वे सरकारी वकील की मदद लेना चाहते हैं. उन्हें सरकारी वकील मुहैया कराया जाए. सभी चार आरोपियों को सात जनवरी को संबंधित अदालत के सामने पेश होने का आदेश दिया जाता है.’
मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा, ‘आरोपी पवन और विनय को निर्देश दिया गया है कि सरकारी गवाह बनने के लिए वे संबंधित अदालत में उचित आवेदन दायर करें.’
इस मामले में गिरफ्तार पांचवें आरोपी अक्षय ठाकुर को कल अदालत के सामने पेश किया जाएगा. वह फिलहाल नौ जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में है.
मामले का छठा आरोपी एक नाबालिग है जिसके मुकदमे पर किशोर न्याय बोर्ड सुनवाई करेगा.