फिल्म शोले के जय और वीरू की तरह दोनों के बीच काफी समय से दोस्ती थी. लेकिन ये तांगा की बजाय चलाते थे किराये का ऑटो. इनके दिमाग में आइडिया आया कि इस ऑटो की चोरी करके उसे धन्नो बनाकर क्यों ना कमाई की जाए और शुरू हो गई इनकी कहानी. साउथ डिस्ट्रिक्ट के स्पेशल स्टॉफ की टीम ने इस जय-वीरू और धन्नो की कहानी से आखिर 10 महीने बाद पर्दा उठा दिया और दोनों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. पुलिस टीम ने इनकी निशानदेही पर 14 ऑटो बरामद किया है.
डीसीपी ईश्वर सिंह के निर्देश पर एसीपी पी एस चहल की देखरेख में स्पेशल स्टॉफ इंस्पेक्टर जीत सिंह, सब इंस्पेक्टर राजीव बहल, सहायक सब इंस्पेक्टर विजय कुमार की टीम ने इस गैंग का पर्दाफाश किया है और दिल्ली के साथ-साथ गुरुग्राम के कई मामलों का खुलासा किया है.
गिरफ्तार किए गए दोस्तों के नाम जमशेद आलम और इरशाद हैं दोनों संगम विहार और खानपुर के रहने वाले हैं. इनकी निशानदेही पर ऑटो के अलावा चोरी की स्कूटी आदि भी बरामद की गई है. सफदरजंग इन्क्लेव, गुरुग्राम थाना इलाकों के कई मामलों का पर्दाफाश किया है.
पूछताछ में इन्होंने पुलिस को बताया कि वे ऑटो चुराकर उसे किराये पर चलवाते थे और जिस ड्राइवर को ऑटो चलाने के लिए रखते उसे भी बता देते थे कि यदि चेकिंग में ऑटो पकड़ी जाए तो ऑटो छोड़कर भाग जाना.
एक ऑटो को 400 रुपये रोज किराये पर चलवाते थे. इस धंधे में दोनों इसी साल जनवरी से लगे हुए थे और 10 महीने में लाखों की कमाई कर चुके थे. पुलिस से बचने के लिए ये दोनों ऑटो को मेन रोड नहीं कॉलोनियों में चलवाते थे.