उत्तराखंड की नैनीताल पुलिस ने 80 लाख की मोबाइल चोरी का हैरतअंगेज खुलासा किया है. दरअसल, मोबाइल शोरूम में चोरी होने के बाद पुलिस ने पहले तो इस मामले को लाखों की मोबाइल चोरी बताकर गोलमाल किया और अब इसे 20 लाख की चोरी बताकर केवल 3 मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिन्हें 1.5 लाख का बताकर अंतरराज्यीय मोबाइल चोर गिरोह को पकड़ने का दावा किया जा रहा है.
घटना 30/31 जनवरी की मध्य रात्रि की है. कोतवाली हल्द्वानी के चौकी भोटिया पडाव क्षेत्र में एच.पी. इण्टरप्राइजेज नाम से मोबाइल शोरूम है. जहां धावा बोलकर अज्ञात चोरों ने दुकान का शटर तोडा और लगभग 80 लाख रुपये के करीब 200 मोबाइल चोरी कर लिए थे. जिनमें ओप्पो, सैमसंग और एप्पल के आईफोन शामिल थे.
इस संबंध में हल्द्वानी कोतवाली में धारा 457/380 के तहत मुकदमा संख्या 43/2018 दर्ज किया गया था. हैरानी की बात ये है कि एफआईआर में चोरी किए गए मोबाइलों की संख्या और कीमत का खुलासा नहीं किया गया. तभी से पुलिस इस मामले की छानबीन कर रही थी. मंगलवार को पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए केवल 3 मोबाइल फोन बरामद किए.
बताया गया कि नैनीताल के एसएसपी जन्मेजय खण्डूरी और हल्द्वानी के एएसपी अमित श्रीवास्तव के निर्देशन में हल्द्वानी के सीओ डी.सी. ढौडियाल और हल्द्वानी कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक समेत एस.ओ.जी. प्रभारी ने मिलकर घटना में लिप्त अपराधियों को पकड़ने के लिए 2 टीम बनाई थीं.
मगंलवार को अचानक एसएसपी नैनीताल जन्मेजय खणडूरी ने इस घटना का हास्यास्पद खुलासा किया. उन्होंने बताया कि 17 अप्रैल यानी मंगलवार को मुखबिर की सूचना पर हल्द्वानी रोडवेज बस स्टेशन के पास से एक व्यक्ति को संदिग्ध अवस्था में घूमते हुए पकड़ा गया. पूछताछ में उसने अपना नाम अनवर देवान पुत्र स्व. भिखारी देवान निवासी मौहल्ला वीरता चैक वार्ड नंम्बर-4 थाना घोडासहन, पूर्वी चम्पारन, बिहार बताया.
पुलिस का दावा है कि उसने 30/31 जनवरी की घटना में संलिप्त होना स्वीकार किया है. उसी की निशानदेही पर शोरूम से चोरी किए गए सैमसंग कंपनी के 3 मोबाइल सेट बरामद किए गए हैं. जिनकी कीमत लगभग डेढ लाख रुपये बताई जा रही है. इस घटना में समीर उर्फ चेलुवा और बेलवा दो सगे भाई भी शामिल हैं. जो बिहार के घोडासहन में अपना गैंग संचालित करते हैं.
पुलिस का दावा है कि पकड़ा गया आरोपी इसी गैंग का सदस्य है. यह गैंग देशभर में बड़े-बड़े मोबाइल शोरूम और दुकानों को अपना निशाना बनाता है. गैंग के लोग चोरी के माल को बिहार भेज देते हैं. वहां चोरी के मोबाइल फाइनेंसर से मिलकर नेपाल में बिकवा दिए जाते हैं. नैनीताल पुलिस के मुताबिक इस गैंग में छत्तीसगढ, हरियाणा, कोयम्बटूर, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और मध्य प्रदेश आदि की जेलों में बंद हैं.
नैनीताल पुलिस इस गैंग के अन्य सदस्यों के नेटवर्क की जानकारी भी कर रही है. नैनीताल में यह चर्चा आम है कि हाथ में पूंछ के कुछ बाल पकडे एसएसपी पूरे हाथी को धर दबोचने का दावा कर रहे हैं. 80 लाख की चोरी को ‘केवल 20 लाख’ की चोरी बताकर और केवल 3 मोबाइल बरामद कर पुलिस खुद ही अपनी पीठ थपथपा रही है.