बांग्लादेश से प्रत्यर्पित टॉप उल्फा नेता अनूप चेतिया को 14 दिन की न्यायिक
हिरासत में भेज दिया गया. इससे पहले वह सीबीआई की हिरासत में था, जहां उससे
पूछताछ की जा रही थी. वह पिछले 18 साल से बांग्लादेश की जेल में बंद था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दखल के बाद तीन उल्फा नेताओं के साथ उसे
बांग्लादेश ने भारत को सौंप दिया था.
अनूप चेतिया प्रतिबंधित उल्फा का महासचिव है. असम पुलिस को हत्या, अपहरण, फिरौती, आतंकवाद और नकली नोटों से जुड़े मामलों में उसकी तलाश थी. उसे 1997 में बांग्लादेश में गिरफ्तार किया गया. उसकी गिरफ्तारी फर्जी पासपोर्ट के जरिये बांग्लादेश में प्रवेश करने के आरोप में की गई थी. गिरफ्तारी के समय उसके पास 16 देशों की मुद्राएं थीं.
सात साल की सुनाई गई थी सजा
2002 में बांग्लादेश की अदालत ने उसे सैटेलाइट फोन रखने के मामले में 7 साल जेल की सजा सुनाई थी. उसका असली नाम गोलाप बरुआ है. उसका एक नाम सुनील बरुआ भी बताया जाता है. 1997 में गिरफ्तारी के बाद से वह बांग्लादेश की जेल में हैं. असम पुलिस की लिस्ट में उसका नाम मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची में शामिल है.