आईएस के खिलाफ जंग अपने आखिरी दौर में पहुंच चुकी है. इसी बीच संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक निगरानी संस्था ने बड़ा खुलासा किया है. संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक रासायनिक निगरानी संस्था ने जांच के बाद चेतावनी देते हुए कहा है कि दुनिया के सबसे खूंखार कहे जाने वाले आतंकी संगठन आईएसआईएस यूरोप में रासायनिक हमलों को अंजाम दे सकता है.
रासायनिक हथियार निषेध संगठन की सत्यापन समिति के निदेशक फिलिप डेनियर ने यह अंदेशा जताया है इराक और सीरिया से भाग रहे इस्लामिक स्टेट के आतंकी समूचे यूरोप में इस तरह के विध्वंसक हमले कर सकते हैं. पेरिस में इस सप्ताह आयोजित रक्षा सम्मेलन के दौरान ओपीसीडब्ल्यू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वहां से भाग रहे आतंकी मस्टर्ड गैस से हमला कर सकते हैं.
उन्होंने चेताते हुए कहा कि आईएस आतंकी जानते हैं कि मस्टर्ड गैस कैसे बनाते हैं. उन्होंने युद्ध के मैदान में इन जहरीले पदार्थों का प्रयोग करना सीखा है. ऐसे में यह एक ऐसा खतरा है जिसे यूरोप को पूरी सावधानी से सतर्कता के साथ निपटना होगा. उन्होंने आगे कहा, 'दुख की बात है कि इसे कैसे अंजाम देना है, यह सीखने वाले लोग वापस हमारे देश लौट रहे हैं और ऐसे हमले करने में वह आईएस आतंकियों की मदद कर सकते हैं.'
गौरतलब है कि मस्टर्ड गैस खासकर आंख और त्वचा पर असर करती है. संपर्क में आने के 24 घंटे बाद इसका असर दिखता है. बड़ी मात्रा में इस्तेमाल होने या सांस के द्वारा फेफड़े में पहुंचने पर यह जानलेवा साबित हो सकती है.
बताते चलें कि बीते महीने यूरोपीय संघ के सुरक्षा आयुक्त जूलियन किंग ने भी कहा था कि मोसुल में सैन्य अभियान शुरू होने से यूरोपीय देशों पर हमले का खतरा कई गुना बढ़ गया है. आईएस आतंकियों द्वारा नागरिकों पर मस्टर्ड गैस हमले की पिछले महीने एक जांच में भी पुष्टि हुई थी. वहीं उत्तरी इराक में सितंबर में हुए एक रॉकेट हमले में भी मस्टर्ड गैस के अंश मिले थे.