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उन्नाव गैंगरेप केस: आरोपी शशि सिंह की CBI रिमांड 27 अप्रैल तक बढ़ी

सीबीआई ने 14 अप्रैल को शशि सिंह को गिरफ्तार किया था. उस पर आरोप है कि घटना वाले दिन उसने ही पीड़िता को आरोपी विधायक के यहां पहुंचाया था.

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आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (फाइल फोटो)
आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (फाइल फोटो)

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उन्नाव गैंगरेप केस की जांच कर रही CBI की टीम ने आज सह आरोपी महिला शशि सिंह को उन्नाव के POCSO कोर्ट के सामने पेश किया. सीबीआई की टीम दोपहर 12 बजे के करीब शशि सिंह को लेकर उन्नाव पहुंची और कोर्ट के सामने पेश किया. पॉक्सो कोर्ट ने सीबीआई की मांग मानते हुए शशि सिंह की रिमांड अवधि दो दिन के लिए 27 अप्रैल की शाम 6 बजे तक बढ़ा दी है.

वह आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के प्रमुख सहयोगियों में शामिल है. सीबीआई ने 14 अप्रैल को शशि सिंह को गिरफ्तार किया था. उस पर आरोप है कि घटना वाले दिन उसने ही पीड़िता को आरोपी विधायक के यहां पहुंचाया था. बता दें कि शशि सिंह के बेटे शुभम सिंह को भी इस मामले में अभियुक्त बनाया गया है.

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पीड़िता की मां ने उत्तर प्रदेश पुलिस को दी गई शिकायत में आरोप लगाया है कि महिला लालच देकर उसकी बेटी को विधायक के आवास पर ले गई जहां बीजेपी नेता ने उससे कथित बलात्कार किया. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जब विधायक उसकी बेटी से बलात्कार कर रहा था उस वक्त शशि सिंह गार्ड बनकर कमरे के बाहर खड़ी थी.

इस मामले में 20 जून, 2017 को जब पहली एफआईआर दर्ज करवाई गई तो उसमें शशि सिंह के बेटे शुभम सिंह और उसके कार ड्राइवर अवधेश तिवारी पर पीड़िता को बहला-फुसलाकर ले जाने और रेप करने का आरोप लगे.

पीड़िता की मां ने बाद में एक और दरख्वास्त थी, जिसमें शुभम सिंह की मां शशि सिंह का नाम भी जोड़ दिया. पीड़िता की मां ने शिकायत दर्ज कराई कि शशि सिंह नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनकी नाबालिग बेटी को कुलदीप सेंगर के पास ले गई, जहां कुलदीप सेंगर ने पीड़िता के साथ रेप किया. कुलदीप सिंह सेंगर इस समय पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज केस में 27 अप्रैल तक के लिए सीबीआई की रिमांड में हैं.

विधायक पर गैंगरेप-हत्या का आरोप

गैंगरेप पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ 4 जून 2017 को बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और उनके साथियों ने गैंगरेप था. उसने बीजेपी विधायक से रेप का विरोध किया, तो उसने परिवार वालों को मारने की धमकी दी. जब वो थाने में गई तो एफआईआर नहीं लिखी गई. इसके बाद तहरीर बदल दी गई. वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ गई.

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पिता को बर्बरता से पीटने का आरोप

पीड़िता ने कहा, 'मुख्यमंत्री से आरोपी विधायक की शिकायत की थी. उन्होंने इंसाफ का भरोसा दिलाया था, लेकिन एक साल हो गया. अब तक कुछ नहीं हुआ. दिल्ली से उसके पिता गांव आए, तो विधायक के लोगों ने उनको बहुत मारा. उनको घसीटकर ले गए . पीटने के बाद उन्हें अपने घर के बाहर फेंक दिया. इसके बाद उन्हें जेल में बंद कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई है.'

पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां

पीड़िता के पिता को बीते रविवार रात को जेल में पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां शुरू हुई थीं. इस पर उसे तुरंत जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान तड़के लगभग तीन बजे उसकी मौत हो गई. मृतक की उम्र करीब 50 वर्ष थी. मृतक के परिजन ने बीजेपी विधायक पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है.

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