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उन्नाव गैंगरेप केस में CBI से भी संतुष्ट नहीं पीड़ित परिवार, हाईकोर्ट पहुंचा

उन्नाव रेप केस में नया मोड़ आ गया है. दरअसल, पीड़िता के परिवार ने पुलिस पर उनकी शिकायत बदलने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि जब केस सीबीआई के हवाले किया गया तो पुलिस ने उनकी शिकायत को फर्जी तरीके से बदलकर सीबीआई के अधिकारियों को सौंपा ताकि आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का पक्ष मजबूत हो सके.

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पीड़ित परिवार अब हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गया है
पीड़ित परिवार अब हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गया है

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उन्नाव रेप केस में नया मोड़ आ गया है. दरअसल, पीड़िता के परिवार ने पुलिस पर उनकी शिकायत बदलने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि जब केस सीबीआई के हवाले किया गया तो पुलिस ने उनकी शिकायत को फर्जी तरीके से बदलकर सीबीआई के अधिकारियों को सौंपा ताकि आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का पक्ष मजबूत हो सके.

पीडित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने फर्जी तरीके से उनकी शिकायत को बदला है. पीडित परिवार के मुताबिक बदली हुई तहरीर में पीडित परिवार की तरफ से फर्जी अंगूठा और दस्तखत भी किए गए हैं. आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बचाने के लिये पीडिता की तहरीर को बदल कर पूरे मामले को बदलने की कोशिश की गई है.

पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी दी हुई तहरीर को बदलकर सीबीआई को दिया गया. जिससे मामले में विधायक का पक्ष मजबूत हो सके. पीड़ित परिवार ने इस मामले की शिकायत सीबीआई से भी की. फिर भी इस मामले में उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.

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निराश होकर पीड़ित परिवार ने सारी शिकायतों के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्नाव पुलिस और सीबीआई के फर्जीवाड़े की शिकायत करने लिये पीड़ित परिवार इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है.

विधायक पर गैंगरेप-हत्या का आरोप

गैंगरेप पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ 4 जून 2017 को बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और उनके साथियों ने गैंगरेप था. उसने बीजेपी विधायक से रेप का विरोध किया, तो उसने परिवार वालों को मारने की धमकी दी. जब वो थाने में गई तो एफआईआर नहीं लिखी गई. इसके बाद तहरीर बदल दी गई. वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ गई.

पिता को बर्बरता से पीटने का आरोप

पीड़िता ने कहा, 'मुख्यमंत्री से आरोपी विधायक की शिकायत की थी. उन्होंने इंसाफ का भरोसा दिलाया था, लेकिन एक साल हो गया. अब तक कुछ नहीं हुआ. दिल्ली से उसके पिता गांव आए, तो विधायक के लोगों ने उनको बहुत मारा. उनको घसीटकर ले गए . पीटने के बाद उन्हें अपने घर के बाहर फेंक दिया. इसके बाद उन्हें जेल में बंद कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई है.'

पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां

पीड़िता के पिता को पुलिस हिरासत में पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां हुई थीं. इस पर उसे तुरंत जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान अगले दिन ही उसकी मौत हो गई. मृतक की उम्र करीब 50 वर्ष थी. मृतक के परिजन ने बीजेपी विधायक पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है.

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