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उन्नाव केस: 133 दिन, एम्स में स्पेशल अदालत, ऐसे पूरी हुई सुनवाई

2017 में हुई इस घटना के मामले में कुलदीप सेंगर लंबे समय तक कानूनी शिकंजे से बचता रहा, लेकिन 18 दिसंबर को उसकी सजा का ऐलान भी हो ही जाएगा.

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कुलदीप सिंह सेंगर दोषी करार (फोटो: PTI)
कुलदीप सिंह सेंगर दोषी करार (फोटो: PTI)

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  • उन्नाव रेप केस में आज सजा पर बहस
  • तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को दोषी माना
  • 5 अगस्त से शुरू हुई थी रोजाना सुनवाई

उन्नाव रेप मामले में भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को अदालत ने दोषी करार दे दिया है. 16 दिसंबर को अदालत ने कुलदीप सेंगर को दोषी करार दिया और आज सजा पर बहस होनी है. 2017 में हुई इस घटना के मामले में कुलदीप सेंगर लंबे समय तक कानूनी शिकंजे से बचता रहा, लेकिन 18 दिसंबर को उसकी सजा का ऐलान भी हो ही जाएगा.

ये मामला कब का है, अबतक इस केस में क्या हुआ है? एक नज़र डालें...

4 जून, 2017: 17 साल की नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसका बलात्कार किया. नौकरी दिलाने में मदद के लिए पीड़िता विधायक से मिलने गई थी.

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11 जून, 2017:  आरोप लगाने के बाद पीड़िता गायब हो गई थी, जिसके बाद परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. कुछ दिनों में पीड़िता औरेया गांव से मिली थी, जिसे वापस उन्नाव लाया गया.

 3 जुलाई, 2017: दिल्ली आकर पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी और विधायक कुलदीप सेंगर, उसके भाई पर रेप केस दर्ज करने की मांग की.

3 अप्रैल, 2018: लड़की के पिता को कथित तौर पर अतुल सिंह और उसके सहयोगी मक्खी ने बुरी तरह पीटा. लड़की के पिता को पुलिस को सौंप दिया गया, उन्होंने सेक्शन 25 के तहत मामला दर्ज कराया.

8 अप्रैल, 2018: पीड़िता ने योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की.

9 अप्रैल, 2018: बलात्कार पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत.

10 अप्रैल, 2018: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलात्कार मामला सीबीआई को सौंप दिया.

13 अप्रैल, 2018: कुलदीप सेंगर को गिरफ्तार किया गया, कुछ ही दिन बाद सीबीआई ने चार्जशीट दायर कर दी.

28 जुलाई, 2019: रायबरेली क्षेत्र में ट्रक-कार की टक्कर में पीड़िता की चाची-मौसी की मौत. पीड़िता गंभीर रूप से घायल हुई. इस मामले में भी कुलदीप सेंगर के खिलाफ केस दर्ज हुआ था.

1 अगस्त, 2019: सुप्रीम कोर्ट ने इस केस से जुड़े पांच मामलों को दिल्ली शिफ्ट किया और 45 दिन में सुनवाई खत्म करने को कहा.

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5 अगस्त, 2019: तीस हजारी कोर्ट में इस मामले की रोजाना सुनवाई शुरू हुई. पीड़िता को दिल्ली के एम्स में शिफ्ट किया गया.

9 अगस्त, 2019: कुलदीप सेंगर, शशि सिंह के खिलाफ आरोप तय हुए.

11 सितंबर, 2019: पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स में ही अस्थाई अदालत लगाई गई.

25 सितंबर, 2019: पीड़िता को एम्स से छुट्टी मिली, महिला आयोग ने दिल्ली में ही पीड़िता को आवास दिया.

10 दिसंबर, 2019: तीस हजारी कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित किया.

16 दिसंबर, 2019: कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया. शशि सिंह को बरी कर दिया गया.

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