अपहरण, हत्या जैसे कई संगीन मामलों में किरकिरी होने के बाद यूपी पुलिस अब सर्तक नजर आ रही है. यही वजह है कि होनहार छात्रा सुदीक्षा भाटी की मौत की जांच अब एसआईटी करेगी. बुलंदशहर पुलिस ने एक डीसीपी रैंक की अधिकारी के नेतृत्व में इस एसआईटी का गठन किया है. टीम में क्राइम ब्रांच के दो तेज तर्रार इंस्पेक्टर शामिल हैं, जो इस मामले की जांच करेंगे.
दरअसल, सुदीक्षा भाटी की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. उसके परिवार वालों ने पुलिस पर सवाल भी उठाए हैं. ऐसे में फिर से पुलिस की किरकिरी होने से बचाना आला अफसरों के लिए जरूरी हो गया. लिहाजा इस मामले की जांच के लिए मंगलवार को एसआईटी का गठन कर दिया गया. जिसकी निगरानी सीओ सिटी दीक्षा सिंह करेंगी. उनके निर्देशन में अपराध शाखा के दो इंस्पेक्टर मामले की जांच करेंगे.
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बताते चलें कि गौतमबुद्ध नगर जिले की दादरी तहसील में रहने वाली सुदीक्षा भाटी एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थी. सुदीक्षा के पिता छोटा सा ढाबा चलाते हैं. सुदीक्षा ने बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूल से कक्षा पांच तक पढ़ाई की. प्रवेश परीक्षा के जरिये सुदीक्षा का एडमिशन एचसीएल के मालिक शिव नाडर के सिकंदराबाद स्थित एक मशहूर स्कूल में हुआ था.
सुदीक्षा ने कक्षा 12 में बुलंदशहर टॉप किया था और इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए उसका चयन अमेरिका के एक कॉलेज में हुआ. पढ़ाई के लिए सुदीक्षा को एचसीएल की तरफ से 3.80 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप दी गई थी. इलाके के लोग उसकी उपलब्धि का खूब बखान करते थे. लेकिन आज वहीं इलाका उसके जाने का मातम मना रहा है.
ऐसे गई सुदीक्षा की जान
अमेरिका से छुट्टियां मनाने सुदीक्षा अपने घर आई हुई थी. वह अमेरिका लौटने से पहले अपने ननिहाल वालों से मिलना चाहती थी. वह अपने चाचा या भाई के साथ बाइक पर दादरी से बुलंदशहर अपने मामा के घर जा रही थी. लेकिन बुलंदशहर के करीब वो सड़क हादसे का शिकार हो गई. आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया. सुदीक्षा के पिता जितेंद्र भाटी ने कहा कि पुलिस ढंग से काम नहीं कर रही है. उल्टे उनसे पूछ रही है कि बाइक कौन चला रहा था. बाइक कोई भी चला रहा हो, लेकिन जिसने स्टंट किया, जिसने बेटी को गिराया. पुलिस उन तक क्यों नहीं पहुंच रही है.