देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर प्रधानमंत्री मोदी ने चिंता जताई थी. ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की बात भी कही थी. लेकिन पीएम के संदेश को अनदेखा कर कुछ लोग ऐसी घटनाओं के आरोपियों का सम्मान कर रहे हैं. उन्हें फूल मालाएं पहना रहे हैं. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि अगर इसी तरह इन आरोपियों का सम्मान होता रहा तो मॉब लिंचिंग कैसे रुकेगी?
बुलंदशहर हिंसा के आरोपियों का स्वागत
हाल ही में उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर हिंसा के आरोपी जमानत पर जेल से बाहर आए तो उनका स्वागत किया गया. जय श्री राम और वंदे मातरम के नारों के बीच आरोपी जीतू फौजी, शिखर अग्रवाल, हेमू, उपेंद्र सिंह राघव, सौरव और रोहित राघव को फूल मालाएं पहनाई गईं. उनके साथ लोगों ने एक-एक कर सेल्फी ली. हालांकि आरोपियों की रिहाई के बाद हुए भव्य स्वागत का पीड़ित परिवार ने विरोध किया है. शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिवार का कहना है कि अगर ऐसे ही आरोपियों को रिहा किया जाता रहा और बाद में लोगों ने उनका स्वागत किया तो अपराधियों के हौसले बढ़ेंगे.
बताते चलें कि पिछले साल 3 दिसंबर को स्याना के चिंगरावटी गांव में गौकशी की अफवाह के बाद हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस दौरान पूरे गांव में जमकर आगजनी और बलवा हुआ था. बदमाशों ने सरकारी वाहन और पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था. इस मामले में यूपी पुलिस ने मामला दर्ज कर 38 लोगों को जेल भेजा था. 38 में से 6 आरोपी साढ़े सात महीने बाद जेल से जमानत पर रिहा होकर शनिवार को बाहर निकले थे.
रामगढ़ में मॉब लिंचिंग के आरोपियों का सम्मान
रामगढ़ में बीफ ले जाने के शक में मारे गए युवक अलीमुद्दीन की हत्या के 8 आरोपियों को झारखंड हाई कोर्ट ने जमानत दे दी. जमानत मिलने के बाद तत्कालीन केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने इन आरोपियों का माला पहनाकर स्वागत किया था. साथ ही बीजेपी जिला कार्यालय में मिठाई बांटी गई थी. इन आरोपियों की रिहाई के लिए लगातार आंदोलन करने वाले पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने बीजेपी कार्यलय पर ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जमानत मिलने पर खुशी का इजहार किया था.
गौरतलब है कि 29 जून 2017 को झारखंड के रामगढ़ में भीड़ ने मीट व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. अलीमुद्दीन अपनी वैन से मांस लेकर आ रहा था. वैन में बीफ होने के शक में कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया था. उन लोगों ने पहले उसकी गाड़ी को आग लगाई और फिर अलीमुद्दीन को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया. घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया था. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आश्वासन के बाद ही अलीमुद्दीन का परिवार शव लेने को तैयार हुआ था.
अखलाक हत्याकांड के आरोपी के शव को सलामी
उत्तर प्रदेश के दादरी स्थित बिसहड़ा गांव में गोमांस रखने की अफवाह की वजह से लोगों ने अखलाक नामक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना में मृतक के बेटे को भी गंभीर चोट आई थी. जिसके बाद यूपी के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए जांच के आदेश दिए थे. इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट तैयार की गई थी. इस मामले के 18 आरोपियों में से एक आरोपी रवि सिसौदिया की जेल में मौत हो गई थी. जब उसका शव उसके गांव में घर पहुंचा था तो नोएडा के सांसद महेश शर्मा ने वहां पहुंचकर उसे सलामी दी थी.
इसी तरह से ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा में योगी आदित्यनाथ की एक चुनावी रैली के दौरान अखलाक हत्याकांड का एक आरोपी पहली पंक्ति में बैठा था, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया था. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि किसे नहीं याद है कि बिसहाड़ा में क्या हुआ था। जिस तरह यहां सपा सरकार ने हमारी भावनाओं का कुठाराघात किया था, उसे कोई नहीं भूला. यह रैली भाजपा प्रत्याशी महेश शर्मा के चुनाव प्रचार के लिए आयोजित की गई थी.