उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में बिजली विभाग की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. यहां एक हाईटेंशन तार की चपेट में आ जाने से 12 साल के एक बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई. पुलिस ने इस संबंध में लापरवाही का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी है.
बिजनौर की भरत विहार कॉलोनी में रहने वाला वाला सिद्धार्थ अपने परिवार में इकलौता बच्चा था. वह सातवीं कक्षा में पढ़ रहा था. मंगलवार की सुबह करीब सात बजे वह साइकिल से अपने साथियों के साथ अपने स्कूल जा रहा था. तभी अचानक वह बिजनौर हरिद्वार रोड पर सड़क किनारे टूटे पड़े 11 हजार के हाईटेंशन तार की चपेट में आ गया.
करंट के संपर्क में आते ही सिद्धार्थ का पूरा शरीर जलने लगा. वहां से गुजर रहे लोग यह मंजर देख कर चीखने चिल्लाने लगे. उसे बचाने की नाकाम कोशिश भी की. लेकिन करंट इतना तेज था कि बच्चे को बचाना मुश्किल हो गया. एक राहगीर ने डंडे से तार को बच्चे से अलग तो कर दिया लेकिन तब तक सिद्धार्थ की मौत हो चुकी थी.
दिल दहला देने वाली इस वारदात के दौरान कई लोगों ने लाइट बंद कराने के लिए बिजली अधिकारियों और कंट्रोल रूम को फोन किये लेकिन किसी ने भी फोन नहीं उठाया. बाद में किसी ने सीधे जाकर बिजली घर को सूचना दी तब जाकर लाइट बंद हुई.
घटना के बाद बच्चे के परिवार में कोहराम मच गया. मृतक अपने माता पिता की अकेली संतान था. घटना की जानकारी मिलते ही स्कूल में भी शोक की लहर दौड़ गई. बाद में स्कूल की छुट्टी कर दी गई.
पुलिस उपाधीक्षक (नगर) रामानन्द कुशवाहा ने बताया कि आज सवेरे साइकिल से स्कूल जाते समय बच्चे की करंट लगने से मौत हुई है. इस मामले में विधिक कार्रवाई की जा रही है. जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.