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यूपीः नेत्रहीन लड़की के साथ बलात्कार, पुलिस ने दिखाई लापरवाही

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में गैंगरेप मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही पहले ही सामने आ चुकी है, इधर, गाजियाबाद पुलिस ने भी कुछ ऐसा ही किया. जहां एक नेत्रहीन लड़की के साथ बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया गया. और पुलिस ने इस मामले में ठीक से पीड़िता के बयान तक लेने की जहमत नहीं उठाई. मामला चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के पास पहुंचा तो पूरा मामला खुलकर सामने आया.

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इस मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है
इस मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है

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उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में गैंगरेप मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही पहले ही सामने आ चुकी है, इधर, गाजियाबाद पुलिस ने भी कुछ ऐसा ही किया. जहां एक नेत्रहीन लड़की के साथ बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया गया. और पुलिस ने इस मामले में ठीक से पीड़िता के बयान तक लेने की जहमत नहीं उठाई. मामला चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के पास पहुंचा तो पूरा मामला खुलकर सामने आया.

पुलिस की लापरवाही के चलते बलात्कार का आरोपी शख्स खुला घूम रहा है. इस मामले में वारदात के दो दिन बाद पुलिस ने FIR दर्ज की. हैरानी की बात है कि लड़की सड़क पर दो दिन तक बदहवास पड़ी रही लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की. फिर चाय की दुकान चलाने वाले एक शख्स ने मदद का हाथ बढ़ाया.

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यह शर्मनाक मामला बुधवार का है. लड़की साहिबाबाद के लाजपत नगर इलाके में अपने पिता के साथ रहती थी. महज 10 दिन पहले ही उसके पिता की मौत हो गई. उसके पास मकान मालिक को देने के लिए पैसे का इंतजाम नहीं था. लिहाजा मकान मालिक ने उसे घर से निकाल दिया.

अकेली और नेत्रहीन लड़की को देखकर इलाके के एक शख्स ने उसके साथ बलात्कार किया. इसके बाद लड़की को सड़क पर फेंक कर फरार हो गया. पीड़ित लड़की मोहन नगर के पास पार्श्वनाथ सोसाइटी में सड़क पर पड़ी रोती रही. लड़की को सबने देखा, लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की. वहीं पास में मोदी टी स्टाल के नाम से चाय की दुकान चलाने वाले सुभाष ने जब लड़की को देखा, तो वो उसकी मदद के लिए आगे आया.

सुभाष ने पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को फोन किया. मगर पुलिस ने अपना लापरवाही भरा रवैया दिखाना शुरू कर दिया. लड़की को थाने ले जाया गया, मगर उसका बयान नहीं लिया गया. जनरल मेडिकल कराकर उसे चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सौंप दिया गया. बीती शाम चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की काउंसलिंग में यह साफ हुआ कि लड़की के साथ बलात्कार हुआ था. तब जाकर पुलिस को रिपोर्ट भेजी गई और पुलिस ने FIR दर्ज की.

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मतलब साफ है कि 2 दिन में नेत्रहीन लड़की के साथ बलात्कार करने वाला आरोपी फरार हो चुका है. उसे भागने का मौका देने वाली भी लापरवाह यूपी पुलिस है. अगर पुलिस ने पहले ही दिन लड़की का बयान लेकर उसका इंटरनल मेडिकल चेकअप करा लिया होता, तो शायद 2 दिन पहले ही मुकदमा दर्ज हो गया होता. और शायद आरोपी भी पुलिस की गिरफ्त में आ जाता.

आजतक के पास रिपोर्ट की कॉपी भी है, जिसमें लड़की ने अपना बयान दिया है. अब लड़की का इंटरनल मेडिकल भी कराया जा रहा है. सिर्फ पुलिस ही नहीं, एनसीआर में लोगों की संवेदनहीनता भी सामने आई है. लड़की 2 घंटे तक रोड पर पड़ी रही. लेकिन किसी ने मदद नहीं की. अगर चायवाला सुभाष उसकी मदद के लिए आगे नहीं आता तो कोई भी अनहोनी हो सकती थी.

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