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बदलने लगी है गैंगरेप पीड़िता के गांव की सूरत

कभी राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा उत्तर प्रदेश का बलिया फिर से चर्चा में है क्योंकि यह दिल्ली गैंगरेप में बर्बरता का शिकार हुई पीड़िता का घर है और 12 जनवरी को प्रदेश के मुख्यमंत्री के यहां का दौरा करने की संभावना है.

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कभी राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा उत्तर प्रदेश का बलिया फिर से चर्चा में है क्योंकि यह दिल्ली गैंगरेप में बर्बरता का शिकार हुई पीड़िता का घर है और जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री के यहां का दौरा करने की संभावना है.

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वैसे बलिया की पहचान कृषि प्रधान जिले के रूप में है. अन्‍य पिछड़े गांवों की तरह यहां की सड़कें भी कीचड़ में सनी हुई हैं. गांवों के मकान तो ईंटों से बने हैं, पर कई घरों की दीवारों पर प्‍लास्‍टर तक नहीं है. ज्‍यादातर फर्श मिट्टी के ही हैं.

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव 12 जनवरी को बलिया का दौरा कर सकते हैं. वे दिल्‍ली गैंगरेप पीडि़ता के पिता को सहायता राशि के रूप में चेक सौंपने वाले हैं.

एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने कहा, 'हमलोग एक हेलीपैड बनाने की जगह देख रहे हैं, जहां मुख्‍यमंत्री का हेलीकॉप्‍टर लैंड कर सके. संभावना है कि वे पीडि़ता की तेरहवीं में शामिल होंगे. एक ऐसा ही प्‍लॉट देख लिया गया है, पर वहां फिलहाल पानी जमा है.'


अधिकारी ने कहा, 'हमलोगों ने एक भूमि देखी थी, जिसपर गेहूं की फसल उगी थी. हमने किसान से गेहूं की फसल का मुआवजा देने की भी बात कही थी. लेकिन गांववालों ने इस योजना को विफल करने के लिए 1 घंटे के भीतर ही खेत में पानी डाल दिया.'

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उन्‍होंने कहा, 'अब हमलोग कोई दूसरी जमीन देख रहे हैं. कई अन्‍य मंत्री भी सड़क मार्ग से यहां का दौरा करने वाले हैं. 7 किलोमीटर सड़क बनाने के लिए 30 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं.'

गैंगरेप पीड़िता के पिता ने दुखी होकर कहा, 'मैंने सुना है कि अखिलेश यादव गांव आकर प्राथमिक स्‍कूल के निकट एक कार्यक्रम में मुझे चेक देने वाले हैं. लेकिन मैं वहां नहीं जाना चाहता हूं. अगर वे सचमुच मेरी मदद करना चाहते हैं, तो उन्‍हें मेरे पास आकर मेरे हा‍थों में चेक थमाना चाहिए.'

पीड़िता के पिता की दिनचर्या इन दिनों 6 बजे सुबह से शुरू होती है. वे सुबह पीपल के पेड़ के नीचे जाकर जरूरी कर्मकांड निपटाते हैं. यह एक क्रिया-कर्म है, जिसे 12 दिनों तक करना होता है. 13वें दिन श्राद्ध का आयोजन किया जाता है, जिसमें ब्राह्मणों व ग्रामीणों को भोज कराया जाता है.


पीड़िता के पिता ने कहा, 'इन दिनों मुझे थोड़ा भी चैन नहीं है. मेरी 23 साल की बेटी बर्बर तरीके से मार डाली गई. अब मैं मोबाइल पर बड़ी संख्‍या में लगातार आ रही कॉल से परेशान हूं. मोबाइल रोमिंग पर है. मैं गरीब हूं और मैं मोबाइल रिचार्ज करने की स्थिति में नहीं हूं.'

पीड़िता के पिता ने खुलासा किया कि उन्‍हें दिल्‍ली की मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित ने भी फोन किया था. शीला दीक्षित ने कहा कि दिल्‍ली सरकार की ओर से मुआवजे का चेक तैयार है और जब वे दिल्‍ली आएं, तो अपना चेक ले सकते हैं. पीड़िता के पिता ने कहा कि वो अभी यह नहीं कह सकते कि कब दिल्‍ली जाएंगे. उन्‍होंने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि मैं किस तरह दिल्‍ली लौट सकूंगा, जबकि मेरे पास शायद ही कोई रकम बची है. मैं बहुत गरीब आदमी हूं. आप इस बात की कल्‍पना नहीं कर सकते कि मैं 52 साल से किस कदर संघर्ष कर रहा हूं.’ पीड़िता के पिता ने अपने दुख का इजहार करते हुए कहा कि वे अपनी बेटी की फीजियोथेरेपी की पढ़ाई के लिए अपनी सारी जमीन बेच चुके हैं.

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