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योगी राज में हाइवे का रियलिटी चेक- नतीजे हैरान कर देंगे

यूपी में जेवर कांड के बाद प्रदेश के लोग सकते में हैं. वे यात्रा के दौरान अपनी सुरक्षा को लेकर खासे परेशान हैं. देश का सबसे बड़ा रोड नेटवर्क भी यूपी में है. मगर अनदेखी, लापरवाही और अव्यवस्था के चलते यहां की सड़कें देश की सबसे खतरनाक सड़कें बन गई हैं. जहां आए दिन लूटपाट, हत्या, डकैती और बलात्कार की घटनाएं सुर्खियां बटोरती हैं. आजतक ने प्रदेश के कई हाईवे का रिएलिटी चेक किया. जो नतीजे सामने आए वो चौंकाने वाले हैं.

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UP के हाइवे रात में सफर करने के लिए सुरक्षित नजर नहीं आते
UP के हाइवे रात में सफर करने के लिए सुरक्षित नजर नहीं आते

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यूपी में जेवर कांड के बाद प्रदेश के लोग सकते में हैं. वे यात्रा के दौरान अपनी सुरक्षा को लेकर खासे परेशान हैं. देश का सबसे बड़ा रोड नेटवर्क भी यूपी में है. मगर अनदेखी, लापरवाही और अव्यवस्था के चलते यहां की सड़कें देश की सबसे खतरनाक सड़कें बन गई हैं. जहां आए दिन लूटपाट, हत्या, डकैती और बलात्कार की घटनाएं सुर्खियां बटोरती हैं. आजतक ने प्रदेश के कई हाईवे का रिएलिटी चेक किया. जो नतीजे सामने आए वो चौंकाने वाले हैं.

लखनऊ-इलाहाबाद हाइवे NH-24B का सफर
जेवर की घटना के बाद लोग सोचने को मजबूर हैं कि आखिर वे सफर के दौरान यहां कितने सुरक्षित हैं. आजतक की टीम यही जानने के लिए निकली हैं प्रदेश की सड़कों पर. रात के 11:00 बजे हमारी टीम एनएच-24 बी पर सफर कर रही थी. 200 किलोमीटर का यह हाइवे लखनऊ को इलाहाबाद से जोड़ता है. और रायबरेली के बीच से होकर निकलता है. सड़क पर बिल्कुल अंधेरा छाया हुआ है. स्ट्रीट लाइट तो हैं पर जलती नहीं है. जबकि लखनऊ से रायबरेली वीवीआईपी रुट है और 4 लेन का चकाचक हाइवे है. रायबरेली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की कर्मभूमी है. इसके बावजूद भी यहां आए दिन इस हाइवे पर लूट की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है.

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रात में पुलिस परेशान
लखनऊ से 35 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है नागुहा थाना. हाइवे के इस थाने में सुनील कुमार श्रीवास्तव ड्यूटी ऑफिसर हैं. रात के 12:00 बजे वह ड्यूटी बजा रहे हैं. रात को ड्यूटी करना एक चुनौतीपूर्ण काम है. कभी स्टाफ की कमी होती है. और रात में पुलिस की लाइफ लाइन माने जाने वाला वायरलेस सिस्टम भी काम नहीं कर रहा है. हाईवे पर स्थित नागोहा थाने की कहानी सामने आ गई. पुलिसकर्मी परेशान दिखाई दिए.

Toll

टोल प्लाज से पुलिसकर्मी नदारद
इसक बाद आजतक की टीम राज्य के इस महत्वपूर्ण हाईवे पर पड़ने वाले पहले टोल प्लाजा पर पहुंची. नियम के मुताबिक यहां एक सब इंस्पेक्टर और पुलिसकर्मी तैनात रहना चाहिए. मगर आधी रात के वक्त भी वहां कोई पुलिसकर्मी नहीं दिखाई दिया. रात के 1 बजे थे. टोल कर्मचारी कह रहे थे कि पुलिस की शिफ्ट बदल रही होगी. शायद इसलिए पुलिस नदारद है. रास्ते में इक्का-दुक्का पीसीआर वैन कष्ट देते हुए नजर आई. कोई पेट्रोल पंप पर खड़ी थी तो कोई सड़क पर दौड़ रही थी.

बछरावा में पुलिस चेकिंग
जब आजतक की टीम बछरावा पहुंची तो वहां पुलिस चेकिंग करते हुए नजर आई. हालांकि रूल बुक के अनुसार इनके पास वीडियो कैमरा होना चाहिए ताकि रात को चैकिंग करते समय अगर कोई घटना हो जाए या कोई बदमाशी करे तो उसकी रिकॉर्डिंग की जा सके. या दूसरी तरफ अगर पुलिस पर कोई अभद्रता का आरोप लगाए तो वह अपना बचाव भी कर सकें. मगर ऐसा नहीं था. पुलिस के पास कैमरा नहीं था.

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सुरक्षा नदारद

खुद बरतें सावधानी
हमारी टीम जब आगे कनकहा पुलिस चौकी पहुंची तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने बताया कि वे 8 घंटे से वहीं ड्यूटी कर रहे हैं. लेकिन नाइट ड्यूटी पर तैनाती के वक्त उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. हालात ऐसे नजर आते हैं कि अगर आप हाइवे पर सफर कर रहे हैं तो आपको खुद सावधानी बरतने की ज़रूरत है.

सुरक्षा के वादे केवल हवाबाजी
गौरतलब है कि बुलंदशहर रेप कांड के बाद यूपी पुलिस ने हाइवे की सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए आधुनिक उपकरणों और पुलिस की तैनाती को बढ़ाने का एलान किया था. तत्कालीन डीजीपी जावीद अहमद ने खुद उत्तर प्रदेश के तमाम ऐसे राष्ट्रीय और राज मार्गों को यात्रियों के लिए सुरक्षित करने का बीड़ा उठाया था. पिछले साल पुलिस ने ऐलान किया था कि ओवर स्पीडिंग से लेकर शरारती तत्वों पर नजर रखने के लिए जगह-जगह कैमरे इंस्टॉल किए जाएंगे लेकिन जमीन पर यह सब कुछ नजर नहीं आता.

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