मुजफ्फरनगर दंगे के अहम गवाह असबाब की सरेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. लेकिन इस मामले में पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं. सोमवार को जिले के खतौली कस्बे में दूध कारोबारी को अज्ञात बदमाशों ने निशाना बनाया था. इस मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही भी सामने आ रही है. मृतक के दो भाई 2013 में दंगे की भेंट चढ़ गए थे. उनकी हत्या के मामले में असबाब वादी भी था और अहम गवाह भी.
बीते सोमवार यानी 11 मार्च को दूध कारोबारी असबाब को खतौली कस्बे में अज्ञात बदमाशों गोलियों से भून डाला था. 2013 में भड़के दंगों में असबाब के दो भाइयों की भी हत्या कर दी गई थी. उसके दोनों भाइयों की हत्या का मामला कोर्ट में विचाराधीन है. उस मामले में 25 मार्च को सुनवाई होनी थी. अब इस मामले को लेकर पुलिस पर सवालिया निशान उठ रहे हैं.
मृतक ने कई बार पुलिस से सुरक्षा की मांग भी की थी. लेकिन योगी की पुलिस इस मामले में लापरवाही दिखाई. अब पुलिस इस दावा कर रही है कि जल्द ही असबाब की हत्या के मामले का खुलासा कर दिया जाएगा. वारदात के दिन यानी बीती 11 मार्च की शाम को असबाब दूध सप्लाई करने खतौली जा रहा था. तभी बाइक सवार कुछ बदमाशों ने रास्ते में उसे रोककर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी.
हमले में उसे कई गोली लगी थी. जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी. घटना को अंजाम देने के बाद अज्ञात बाइक सवार बदमाश मौके से फरार हो गए थे. हैरानी की बात है कि असबाब हत्याकांड की लाइव तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थीं. जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर जांच पड़ताल की है. लेकिन पुलिस ने घटना की फुटेज मीडिया को देने से इंकार कर दिया.
इस हत्याकांड को 2 दिन बीत चुके हैं. अभी तक पुलिस के हाथ ना तो कोई सुराग लगा है और ना पुलिस किसी अंजाम तक पहुंच पाई है. हालांकि मृतक असबाब के परिजनों ने साफ कर दिया है कि 2013 दंगे में उसके दो भाईयों की हत्या की गई थी. मृतक असबाब उस मामले में वादी और गवाह था. इस मामले को लेकर कुछ लोग और आरोपी पहले भी उन पर फैसले का दबाव बना रहे थे.
असबाब के वकील का कहना है कि असबाब को जान का खतरा था. उसने वकील के माध्यम से अपनी हत्या की आशंका जताते हुए पुलिस अधिकारियों को भी एक पत्र दिया था. अब इस पूरे मामले को लेकर एसएसपी सुधीर कुमार ने पुलिस की कई टीम गठित की हैं. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर भी आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है. अब आला अधिकारियों ने इस मामले को लेकर जल्द खुलासा करने का दावा किया है.
अहम मामले के वादी और गवाह असबाब की शिकायत के बाद भी उसे सुरक्षा ना दिए जाना पुलिस की लापरवाही को उजागर करता है. साफ है कि उसकी हत्या के बाद अब उसके भाईयों और उसके हत्यारे कानून के हाथ से बचते नजर आ रहे हैं. साथ ही पुलिस की नाकामी भी साफ नजर आ रही है.