उत्तर प्रदेश पुलिस ने बरेली जिले से एक माओवादी को पकड़ने का दावा किया है. प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि कुछ दिनों पहले माओवादियों से संपर्क रखने वाले एक कपल को गिरफ्तार किया गया था. उनसे पूछताछ के बाद बरेली से खीम सिंह बोरा नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया है. वह मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले का रहने वाला है.
उन्होंने बताया कि 2016 में खीम सिंह बोरा ने एसडीएम की गाड़ी को आग लगाने की कोशिश की थी, जिसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. आरोपी के पास से एक पिस्टल, जंगलों के नक्शे और पेन ड्राइव बरामद करने का दावा किया गया है. उसे यूपी एटीएस लखनऊ लेकर आई है, जहां उससे पूछताछ चल रही है.
बताया जा रहा है कि 2003 में खीम सिंह माओवादी प्रशिक्षण शिविर में शामिल था. उस पर उत्तराखंड में एक प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित करने का आरोप है. डीजीपी ने बताया कि बाराबंकी और शामली में पीएफआई के कुछ पोस्टर बरामद किए गए हैं, जिसकी जांच चल रही है. इस मामले कुछ लोगों द्वारा नारे लगाने के लिए मजबूर किए जाने की भी अफवाह है.
इस मामले के खुलासे से पहले डीजीपी ने कहा कि क्राइम कंट्रोल के लिए हमने 364 गैर राजपत्रित पुलिस को सेवानिवृत्ति दी है. साथ जिन अधिकारियों ने अपने काम में लापरवाही की है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
डीजीपी ने कहा कि पश्चिमी यूपी में अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस की ओर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. कई खूंखार अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर और गिरफ्तार किया गया है. हाल के कुछ दिनों में पश्चिमी यूपी से 70 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें 4 से पुलिस का सामना मुठभेड़ में हुआ, जिसमें यूपी एसटीएफ ने 2 अपराधियों को मार गिराया.
ओपी सिंह ने कहा कि यूपी पुलिस तकनीकी रूप से मजबूत हो रही है. हम फॉरेंसिक टीम को भी मॉर्डन बना रहे हैं. यूपी में पुलिस अब टेक्नोफ्रेंडली हो चुकी है. हमने एक मोबाइल ऐप डिवेलप किया है, जहां लोग अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं. भविष्य में हम पुलिस को टैबलेट देंगे ताकि केस डायरी ऑनलाइन एक्सेस की जा सके. आगे हम साइबर ट्रेनिंग विंग भी बनाएंगे. इसके अलावा POCSO एक्ट के तहत मामलों में भी कमी आई है.