23 अप्रैल 2007, ये वो दिन था जब यूपी पुलिस का कांस्टेबल इकरार अचानक लापता हो गया. पुलिस ने पूरी तांकत झोंक दी, लेकिन इकरार का कोई सुराग नहीं मिला. परिवार ने भी रो-रोकर सब्र कर लिया. अब 11 साल बाद खुलासा हुआ है कि इकरार की उस वक्त ही हत्या कर दी गई थी.
हाल ही में गाजियाबाद पुलिस ने मेघु नाम के एक बदमाश को गिरफ्तार किया है. मेघु ने पुलिस पूछताछ में जो खुलासा किया उसने पुलिस को भी चौंका दिया. मेघु ने बताया कि साल 2007 में उसने अपने तीन भाइयों और एक मामा के साथ मिलकर इकरार और उसके मुखबिर विजयपाल की हत्या कर दी थी. मेघु ने बताया कि उन्होंने इकरार के छोटे-छोटे टुकड़े कर गौतमबुद्धनगर के जारचा के नाले में फेक दिए थे.
पूछताछ में पता चला है कि मेघु अपने भाई पवन, नीतू, सुबोध और मामा प्रकाश के साथ मिलकर लूटपाट और दूसरे अपराध करता था. मेघु और उसके पारिवारिक गैंग को संदेह था कि विजयपाल उनकी मुखबिरी कर रहा है. जिसके बाद मेघु ने कांस्टेबल इकरार और मुखबिर विजयपाल को धोखे से बुलाया और हत्या कर शव ठिकाने लगा दिए.
पुलिस ने 11 साल पहले हुई इस हत्या का खुलासा तो कर दिया है लेकिन हत्याकांड के खुलासे ने सभी को चौंका दिया है. हालांकि इस ममले में आरोपी रहे मेघु के मामा प्रकाश की हत्या भी इन्हीं तीनो भाइयों ने कर दी थी. इसके आलावा मेघु के दो भाई लूट के मामले में जेल में बंद हैं.