नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के दौरान उत्तर प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शनों पर पुलिस सख्त एक्शन ले रही है, लेकिन कई ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जिन्हें देखकर लगता है कि पुलिस ने आंख बंद करके कार्रवाई की. ताजा मामला फिरोजाबाद का है, जहां पुलिस ने एक मृत व्यक्ति के खिलाफ नोटिस जारी किया है. दरअसल, दुनिया को 6 साल पहले अलविदा कह चुके बन्ने खान से पुलिस को शांति भंग करने का खतरा है और इसी कारण उनके खिलाफ नोटिस जारी हुआ है.
बन्ने खान के परिवार वाले उनका मुत्यु प्रमाण पत्र दिखाकर फरियाद कर रहे हैं कि उनके वालिद इस कायनात में जहां कहीं भी हों उन्हें शांति से रहने दिया जाए, लेकिन अगर पुलिस को मर चुके शख्स से शहर की शांति के लिए खतरा है तो फिर बन्ने खान की शांति की क्या कीमत. नोटिस जारी होने के बाद अब पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं.
जमानत के लिए 10 लाख
फिरोजाबाद पुलिस की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक, मृतक बन्ने खान को सिटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश होना है. बन्ने खान को 10 लाख रुपये भरकर जमानत लेनी है. बन्ने खान के अलावा लिस्ट में 90 साल के शूफी अंसार हुसैन का भी नाम शामिल है. इसके अलावा पुलिस को 93 वर्षीय फसाहत मीर खान से भी शांति भंग का खतरा है.
सख्त हुए सीएम योगी
यूपी में नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ हिंसा भड़की तो योगी आदित्यनाथ भी सख्त हो गए. उन्होंने हिंसा में शामिल लोगों को सबक सिखाने का मन बना लिया. योगी आदित्यनाथ ने बोल दिया कि हिंसा में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. योगी सरकार ने हिंसा के अगले ही दिन यह ऐलान कर दिया था कि सार्वजनिक और निजी संपत्तियों के नुकसान की भरपाई उन्हीं उपद्रवियों से वसूली जाएगी.
अकेले लखनऊ में यूपी पुलिस ने 300 से ज्यादा वीडियो और 3000 से ज्यादा तस्वीरों के साथ अनगिनत सीसीटीवी के फुटेज खंगाले हैं. जिसकी पहचान के आधार पर अब तक 110 लोगों को प्रदर्शनकारी और उपद्रवी मानकर नोटिस थमा दिया गया है.