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UP के शामली में पुलिसकर्मियों ने की पत्रकार की पिटाई, SHO निलंबित

मामला शामली का है. यहां रेलवे पुलिस की पोल खोली तो खाकी वर्दीवालों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया. इसके बाद वर्दीवालों ने पत्रकार अमित शर्मा को बुरी तरह पीटा.

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अब पुलिस मामले की छानबीन कर रही है
अब पुलिस मामले की छानबीन कर रही है

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उत्तर प्रदेश में पत्रकारों के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं. ताजा मामला शामली का है. जहां रेलवे पुलिस की पोल खोली तो खाकी वर्दीवालों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया. इसके बाद वर्दीवालों ने पत्रकार अमित शर्मा को बुरी तरह पीटा. दरअसल, शामली में फाटक के पास मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतर गए. उसी खबर को कवर करने के लिए अमित शर्मा वहां पहुंचे. इसके बाद अमित शर्मा को GRP के पुलिसकर्मियों ने बुरी तरह पीटा.

घटना की वीडियो वायरल होने के बाद में इस घटना पर कार्रवाई हुई और आरोपी एसएचओ राकेश को निलंबित कर दिया गया. उसके साथ आरोपी कांस्टेबल भी निलंबित कर दिए गए हैं.

ये पूरी वारदात शामली में जीआरपी के एसएचओ राकेश कुमार की मौजूदगी में हुई थी. खुद एसएचओ अमित शर्मा का कॉलर पकडे हुए था. अमित शर्मा का आरोप है कि उसी दौरान जीआरपी पुलिस के एसएचओ के इशारे पर उन्हें बुरी तरह मारा गया. उन्हें थाने लाकर जेल में बंद कर दिया गया. उनके कपड़े उतारकर पीटा गया.

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वीडियो में देखा जा सकता है कि रेलवे पुलिसकर्मी अमित शर्मा को बुरी तरह पीट रहा है. कभी लात कभी घुसे मार रहा है, ये सब कुछ शामली में जीआरपी के एसएचओ राकेश कुमार की मौजूदगी में हो रहा है. खुद एसएचओ अमित शर्मा का कॉलर पकड़े हुए हैं. पलिसकर्मी अमित शर्मा के मोबाइल पर हाथ मारकर उसे गिरा देते हैं. इस पर बाकी पत्रकार एतराज जताते हैं लेकिन उनकी बात कोई नहीं सुनता.

अमित शर्मा का आरोप है कि जीआरपी पुलिस के एसएचओ के इशारे पर उन्हें बुरी तरह मारा गया. उन्हें थाने लाकर जेल में बंद कर दिया गया, उनके कपड़े उतारकर पीटा गया. अमित शर्मा का आरोप है कि कुछ दिन पहले उन्होंने रेलवे में गड़बड़ी को उजागर किया था. इसी वजह से रेलवे पुलिस ने अपनी निजी दुश्मनी निकालने के लिए उनके साथ मारपीट की.

पीड़ित पत्रकार अमित शर्मा का कहना है कि पुलिस ने उनके मुंह में पेशाब किया. घटना को लेकर दो पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया है. खबरों के मुताबिक, एसएचओ राकेश कुमार के साथ आए दल ने पत्रकार के साथ मारपीट की. जबकि पत्रकार उन्हें अपने काम के बारे में बताने की कोशिश कर रहे थे.

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एएनआई के मुताबिक, अमित धिमनपुरा के पास मालगाड़ी के बेपटरी होने को कवर कर रहे थे. उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मी सादे लिबास में थे. एक ने कैमरा पर हमला किया और नीचे गिरा दिया. पत्रकार ने कहा कि जब उन्होंने कैमरा उठाने की कोशिश की तो वे हमला करने लगे. बाद में उन्होंने लॉकअप में मुझे बंद कर दिया, कपड़े उतारे और मुंह में पेशाब कर दिया.

एक न्यूज चैनल के साथ काम कर रहे पत्रकार अमित के साथ मारपीट के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों में गुस्सा है. लोगों ने सरकार ने पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. पीड़ित पत्रकार अमित शर्मा ने कहा- 'कुछ दिन पहले रेलवे में गड़बड़ी को उजागर किया था. इसी वजह से रेलवे पुलिस ने निजी दुश्मनी निकालने के लिए मेरे साथ मारपीट की.'

बताया जाता है कि शामली में धीमानपुरा रेलवे फाटक के समीप रात साढ़े आठ बजे ट्रैक बदलने के दौरान मालगाडी के दो डिब्बे पटरी से उतर गए थे. फाटक बंद होने से सड़क यातायात भी बाधित हो गया था. धीमानपुरा रोड पर भी जाम लग गया.

घटना में ट्रैक भी क्षतिग्रस्त हो गया और ट्रेनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई. इसके चलते दिल्ली से आने वाली जनता एक्सप्रेस एवं इसके बाद आने वाली पैंसेजर ट्रेन प्रभावित रहीं.

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वहीं, यूपी पुलिस ने ट्वीट करके कहा- 'पत्रकार के साथ मारपीट का एक वीडियो सामने आया है. राज्य के पुलिस प्रमुख ओपी सिंह ने तुरंत एसएचओ (जीआरपी शामली) राकेश कुमार और कॉन्स्टेबल संजय पवार को सस्पेंड कर दिया है. नागरिकों के साथ गलत बर्ताव करने वाले पुलिसकर्मियों को सख्त सजा दी जाएगी.' हालांकि, सोशल मीडिया यूजर्स यूपी पुलिस के ट्वीट पर संतुष्ट नजर नहीं आ रहे.

ज्यादातर लोगों ने ट्विटर पर रिप्लाई करते हुए पुलिस से और सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. कई लोगों ने लिखा है कि सस्पेंड पुलिसकर्मियों को कुछ दिन बाद कहीं और तैनात कर दिया जाएगा. क्या इस तरह से इंसाफ होगा. कई यूजर्स ने पुलिस से आरोपियों की बर्खास्तगी की मांग की है और आपराधिक मुकदमा चलाकर जेल भेजने को कहा है. वहीं, कुछ लोगों ने लिखा है कि पुलिस को व्यापक सुधार अभियान चलाने की जरूरत है, क्योंकि कई जगहों पर ऐसी घटनाएं हो रही हैं. एक यूजर ने लिखा कि पुलिस की आखिर हिम्मत कैसे हुई? उनके खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की जा रही है. एक शख्स ने लिखा कि आरोपी पुलिस के नाम पर धब्बा हैं. उनकी जगह जेल ही है. कई यूजर्स ने यूपी पुलिस के डीजीपी से सवाल पूछा कि आरोपियों को बर्खास्त क्यों नहीं किया जा रहा है?

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