उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और पेपर लीक की घटनाएं रोके नहीं रुक रही हैं. इस बार उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से नलकूप चालक के 3200 से ज्यादा पदों के लिए आयोजित कराई जा रही परीक्षा का पेपर लीक हो गया है.
वहीं इस मामले में कार्रवाई करते हुए यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पेपर लीक करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. एसटीएफ ने मेरठ थाना के सदर बाजार से इस गिरोह के 11 सदस्यों को अपने गिरफ्त में लिया.
जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 8 जिलों में रविवार को होने वाली परीक्षा में हजारों की संख्या में परीक्षार्थियों को भाग लेना था, लेकिन नकल माफियाओं ने ट्रेजरी के डबल लॉक में रखे प्रश्न पत्र को भी हासिल कर लिया. ऐसे में शासन ने परीक्षा रद्द कर दी है.
बताया जा रहा है कि नकल माफियाओं ने सांठगांठ करके प्रत्येक परीक्षार्थी से लाखों रुपये की वसूली की जानी थी. लेकिन एसटीएफ ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया. वहीं मेरठ पुलिस और एसटीएफ की टीम अभी भी नकल माफियाओं के ठिकानों पर छापेमारी में जुटी हुई है. अधिकारियों की मानें तो इस मामले में कई और अहम खुलासे भी हो सकते हैं.
एसटीएफ की इस कार्रवाई में जो लोग गिरफ्तार हुए हैं उनमें पांच अभ्यर्थी और छह प्रश्न पत्र लीक कर नकल कराने वाले लोग शामिल हैं. गिरफ्तार आरोपियों से दर्जनों मोबाइल फोन, प्रवेश पत्र, लगभग 15 लाख रुपये कैश और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं. बताया जा रहा है कि यह गिरोह प्रत्येक छात्र से परीक्षा पास कराने के एवज में 6 से 7 लाख रुपये की वसूली करता था और परीक्षा से एक रात पहले ही पेपर लीक कर अभ्यर्थियों को किसी निर्धारित स्थान पर बुला कर याद कराते थे.