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अमेरिका ने हिजबुल मुजाहिदीन पर कसा शिकंजा, अब कैसे बचेगा सलाउद्दीन

भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी सैयद सलाहुद्दीन उर्फ सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह को अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया है. इसी के साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने हिजबुल मुजाहिदीन को विदेशी आतंकवादी संगठन और खासतौर पर नामित वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किया है. जिसे भारत के लिए बड़ी कामयाबी बताया जा रहा है. ऐसे में सैय्यद सलाउद्दीन के लिए आने वाले दिन भारी पड़ सकते हैं.

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मोस्ट वॉन्टेड आतंकी सलाउद्दीन के मुश्किलें अब बढ़ गई हैं
मोस्ट वॉन्टेड आतंकी सलाउद्दीन के मुश्किलें अब बढ़ गई हैं

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भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी सैयद सलाहुद्दीन उर्फ सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह को अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया है. इसी के साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने हिजबुल मुजाहिदीन को विदेशी आतंकवादी संगठन और खासतौर पर नामित वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किया है. जिसे भारत के लिए बड़ी कामयाबी बताया जा रहा है. ऐसे में सैय्यद सलाउद्दीन के लिए आने वाले दिन भारी पड़ सकते हैं. आइए आपको बताते हैं इस आतंकी और इसके संगठन के बारे में.

दरअसल, सलाहुद्दीन का मकसद कश्मीर को आजाद कराना है. सलाउद्दीन ने धमकी दी थी कि वह जम्मू-कश्मीर को भारतीय सैनिकों की कब्रगाह बना देगा. भारत पिछले कुछ समय से इसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने की कोशिश कर रहा था. जो अब रंग लाई.

कौन है सैय्यद सलाउद्दीन

उसके पिता भारतीय डाक विभाग में काम करते थे. वह अपने परिवार में सातवीं संतान है. पहले उसने मेडिसिन की पढ़ाई की लेकिन वह सिविल सर्विस में जाना चाहता था. बाद में उसका रुझान जमात-ए-इस्लामी संगठन की तरफ हो गया और वह उस संगठन के लिए कश्मीर में काम करने लगा. बाद में 1987 में उसने श्रीनगर की अमीराकदल विधान सभा सीट से चुनाव लड़ा. मतगणना के दौरान वह जीत रहा था. उस पर बूथ कैप्चरिंग के आरोप लगे और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसके गिरफ्तार हो जाने के बाद वहां जमकर हंगामा हुआ. सलाउद्दीन को धमकियां भी मिली थीं.

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जेल से बाहर आकर ऐसे बना आतंकी

जेल से छूटकर आने के बाद उसने ऐलान किया कि कश्मीर को आजाद कराने के लिए बंदूक का सहारा लेना ही सही होगा. इसके बाद सलाउद्दीन ने हिजबुल मुजाहिदीन की सदस्यता ले ली. इसी बीच वह आईएसआई के संपर्क में आ गया. पाक खुफिया एजेंसी के इशारे पर ही वो संगठन का मुखिया बन बैठा. तभी से वह भारत के खिलाफ साजिश रचता रहता है. एनआईए ने उसे पहले ही मोस्ट वॉन्टेड घोषित कर रखा है.

आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन

हिज़बुल मुजाहिदीन अप्रैल, 1989 में अस्तित्व में आया एक अलगाववादी संगठन है. इसका गठन मुहम्मद एहसान डार ने किया था. पाकिस्तान का समर्थन करने वाले इस आतंकी संगठन ने कश्मीर में कोहराम मचाया. 1990 में इसके संस्थापक मुहम्मद एहसान डार ने करीब दस हजार हथियारबंद आतंकियों की फौज बना ली थी. इस आतंकी संगठन ने कई बार भारत में आतंकी हमलों को अंजाम दिया. जिनमें कई बेगुनाहों का खून बहा. इसके बाद कश्मीर के कुछ अलगवादी संगठनों का भी इसमे विलय हो गया.

17 अक्टूबर 2016 को जम्मू-कश्मीर में ज़ाकिर मूसा को हिज़्बुल का नया कमांडर बनाया गया था. बुरहान वानी की मौत के बाद उसे ये जगह मिली थी. लेकिन इस संगठन सरगना सैय्यद सलाउद्दीन पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है. जिसकी मुश्किलें अब बढ़ने वाली हैं.

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अमेरिका ने हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी संगठन घोषित किया है. अमेरिका का मानना है कि इस ऐलान के बाद हिजबुल को आतंकी हमले के लिए जरूरी संसाधन और मदद नहीं मिलेगी. अमेरिका में इस संगठन की प्रोपर्टी भी जब्त की जाएंगी. इस संगठन से जुड़ना कानूनन अपराध माना जाएगा.

इस आतंकी संगठन को आव्रजन एवं नागरिकता अधिनियम के सेक्शन 219 के तहत विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है. 1989 में स्थापित और कश्मीर में सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन सबसे बड़े और सबसे पुराने आतंकवादी संगठनों में से एक है. भारत का मोस्ट वॉन्टेड आतंकी मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाउद्दीन हिजबुल का सरगना है.

हिजबुल मुजाहिदीन के नेता

डार ने इस संगठन की स्थापना की लेकिन उसकी मौत के बाद अलग-अलग लोगों ने इसकी कमान संभाली. जिनमें शेख अब्दुल वहीद, अशफाक डार, अब्दुल माजिद डार, गुलाम रसूल डार, अली मुहम्मद डार, मुहम्मद युसुफ शाह, बुरहान मुजफ्फर वाणी, सबजार बट्ट, जाकिर मूसा और मुहम्मद यासीन के नाम प्रमुख हैं. इस आतंकी संगठन का मुख्यालय पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में स्थित है.

 

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