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व्यापम घोटाला: CBI ने ली अमेरिकी एजेंसी की मदद, गिरफ्त में 80 'मुन्नाभाई'

अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने मध्य प्रदेश के व्यापमं फर्जीवाड़े के 125 से ज्यादा मुन्नाभाई (दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने वाले) की तलाश पूरी कर ली है. सीबीआई ने 125 में से 80 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. सीबीआई के पास इन मुन्नाभाइयों की सिर्फ तस्वीरें थीं. सीबीआई की मानें तो इनमें से कई तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ भी की गई थी.

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अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने दो महीने में ढूंढ निकाले 125 मुन्नाभाई
अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने दो महीने में ढूंढ निकाले 125 मुन्नाभाई

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अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने मध्य प्रदेश के व्यापमं फर्जीवाड़े के 125 से ज्यादा मुन्नाभाई (दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने वाले) की तलाश पूरी कर ली है. सीबीआई ने 125 में से 80 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. सीबीआई के पास इन मुन्नाभाइयों की सिर्फ तस्वीरें थीं. सीबीआई की मानें तो इनमें से कई तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ भी की गई थी.

मध्य प्रदेश के रहस्यमयी व्यापमं घोटाले की जांच में सीबीआई दो सौ से ज्यादा फर्जीवाड़े में शामिल लोगों की तलाश कर रही थी. ये वह लोग थे, जो दूसरों की जगह परीक्षा में शामिल हुए थे. मगर इस मामले में सीबीआई के हाथ कुछ खास नहीं लगा. सीबीआई ने भारत की सरकारी सहित निजी डिटेक्टिव एजेंसी की मदद भी ली, लेकिन नतीजा सिफर रहा.

जिसके बाद यह काम अमेरिका की एक खुफिया एजेंसी से करवाने का फैसला किया गया. दरअसल अमेरिका की यह कथित एजेंसी आतंकवाद के मामलों में संदिग्धों की पहचान करने का काम करती है. एजेंसी द्वारा मुन्नाभाइयों की दी गई मौजूदा फोटो के चलते सीबीआई ने इनमें से करीब 80 लोगों को पकड़ने में सफलता हासिल की है.

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दरअसल सीबीआई ने अमेरिकी एजेंसी को साढ़े नौ लाख फोटो और तलाशे जाने वाले मुन्नाभाइयों के फोटोग्राफ अक्टूबर 2016 में दिए थे. जिसके बाद एजेंसी ने साढ़े नौ लाख फोटो के डाटा से उन अज्ञात मुन्नाभाइयों की तलाश शुरू की और जनवरी 2017 में ऐसे 200 लोगों के फोटो सीबीआई को सौंपे, जिनका चेहरा दिए गए फोटो से मेल खा रहा था.

सीबीआई ने अब तक जिन 80 लोगों को पकड़ा है, उनमें से ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं. इनमें से कई लोग मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे थे और कई कोचिंग इंस्टीट्यूट से जु़ड़े हुए थे. सीबीआई ने आरोपियों की पहचान करने के लिए मध्य प्रदेश सहित छह राज्यों राजस्थान, बिहार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, और महाराष्ट्र के मेडिकल कॉलेज और वहां की कोचिंग संस्थाओं में पढ़ने और पढ़ाने वाले एक-एक छात्र व टीचर के फोटो जुटाए थे.

सीबीआई को उम्मीद थी कि इस फर्जीवाड़े में शामिल छात्र किसी राज्य में या तो पढ़ रहे होंगे या फिर पढ़ा रहे होंगे. संदिग्धों की पहचान के काम में ही सीबीआई को करीब छह महीने का वक्त लग गया था. फिलहाल सीबीआई गिरफ्त में आए सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है. साथ ही अन्य टीम बाकी आरोपियों की तलाश में अलग-अलग राज्यों में दबिश दे रही हैं.

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