एक आईटी प्रोफेशनल लड़का करीब एक साल बाद अमेरिका से मुंबई अपने घर लौटता है. जैसे ही वह घर में दाखिल होता है, उसके रौंगटे खड़े हो जाते हैं. घर के अंदर उसे उसकी मां का कंकाल मिलता है. पुलिस केस की जांच कर रही है.
मुंबई के पॉश इलाके की घटना
मुंबई के ओशिवारा इलाके के एक आलीशान फ्लैट में 63 साल की महिला की मौत हो जाती है और चार महीने तक किसी को इसकी भनक तक नहीं लगती है. मृतका का नाम आशा साहनी था, साल 2013 में उनके पति का निधन हो गया था. उनका बेटा ऋतुराज अमेरिका में रहता है.
एक साल बाद लौटा था बेटा
रविवार को ऋतुराज करीब एक साल बाद घर लौटा था. उसने घर के दरवाजे पर दस्तक दी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. डुप्लीकेट चाबी के जरिए घर का दरवाजा खोला तो अंदर का मंजर देख ऋतुराज के पैरों तले जमीन खिसक गई. अंदर उसकी मां का कंकाल पड़ा था.
तीन से चार महीने पहले हुई मौत
कंकाल की स्थिति से अंदाजा लगाया जा रहा कि आशा साहनी की मौत तीन से चार महीने पहले हो गई थी. मामले की जानकारी पुलिस को दी गई. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है. ऋतुराज की मानें तो उसने करीब सालभर पहले अपनी मां से आखिरी बार बातचीत की थी.
बच्चे भूल जाते हैं मां-बाप को
बताते चलें कि आशा साहनी की मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी बुजुर्गों की अचानक मौत के कई मामले सामने आ चुके हैं. बच्चे अपने बुजुर्ग माता-पिता को अकेला छोड़कर अच्छे जीवन की तलाश में विदेश चले जाते हैं और फिर लगभग उन्हें भूल ही जाते हैं.
सीनियर सिटीजन के लिए बनाई हेल्पलाइन
मुंबई पुलिस ने ऐसे ही सीनियर सिटीजन के लिए एक हेल्पलाइन बनाई है. कई बार तो बुजुर्ग हेल्पलाइन पर कॉल करके पुलिस को इसलिए बुलाते हैं, क्योंकि उन्होंने कई दिनों से किसी से बात तक नहीं की होती है. संवेदनाओं को कुरेदने वाले इस वाकये से आप मायानगरी में बुजुर्गों की हालत का अंदाजा लगा सकते हैं.