उत्तर प्रदेश के वाराणसी में लोक निर्माण विभाग के कार्यालय में ठेकेदार द्वारा गोली मारकर आत्महत्या कर लिए जाने के मामले में अब जेई और एई की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. ठेकेदार अवधेश चंद्र श्रीवास्तव की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंता मनोज सिंह और सहायक अभियंता आशुतोष सिंह को गिरफ्तार कर लिया है.
ठेकेदार अवधेश के सुसाइड नोट और कैंट थाने में दर्ज मुकदमे के आधार पर दोनों की गिरफ्तारी की गई है. गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि शेष अन्य छह नामजद आरोपियों के खिलाफ आगे की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल पीडब्ल्यूडी कॉलोनी स्थित चीफ इंजीनियर कार्यालय में 28 अगस्त को ठेकेदार अवधेश ने अपनी कनपटी पर लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी. आत्महत्या से पहले ड्राइवर को वह 6 पन्ने का सुसाइड नोट थमा गए थे.
ठेकेदार द्वारा ड्राइवर को दिए गए उस सुसाइड नोट के आधार पर कहा जा रहा है कि उनका पांच करोड़ रुपये विभाग पर बकाया था. इसके भुगतान के लिए वह लंबे समय से विभागीय अधिकारियों के चक्कर काट रहे थे.
भुगतान न होने पर पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं की कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार से परेशान होकर अवधेश ने आत्महत्या कर ली. अवधेश की आत्महत्या के बाद उनकी पत्नी ने तहरीर देकर चीफ इंजीनियर समेत आठ लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था. इसके बाद जेई मनोज और आशुतोष को हिरासत में लिया गया था.