उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपराध मुक्त प्रदेश का लाख दावा करें. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह भले ही कहते रहें कि अपराधियों में पुलिस का खौफ है लेकिन अपराधियों के हौसले आज भी बुलंद हैं. अब तो अपराधी पुलिस को निशाना बनाने लगे हैं. ताजा मामला झांसी का है जहां खनन माफिया ने थाना प्रभारी पर हमला कर दिया.
झांसी के मोंठ थाना क्षेत्र में थाना प्रभारी को बुलाकर उनपर फायरिंग की गई. बदमाश अपनी बाइक मौके पर ही छोड़ थाना प्रभारी की निजी कार लूटकर फरार हो गए. सूचना पाकर सक्रिय हुई पुलिस ने गुरसराय के जंगल में बदमाश को मार गिराया . घटना बम्हरौली गांव के समीप झांसी-कानपुर हाइवे की है.
बताया जाता है कि बदमाशों द्वारा चलाई गई गोली थाना प्रभारी के कान को छूते हुए निकल गई. छर्रे उनके गाल पर लगे हैं. इस संबंध में झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉक्टर ओपी सिंह ने बताया कि मोंठ थाने के प्रभारी धर्मेंद्र सिंह चौहान छुट्टी पर कानपुर गए थे. वह कानपुर से वापस लौट रहे थे कि एक स्थानीय व्यक्ति ने फोन कर मिलने का आग्रह किया.
एसएसपी के अनुसार चौहान बम्हरौली गांव के पास पहुंचे तभी पुष्पेंद्र यादव और उसके साथ एक और शख्स बाइक से आए और तमंचे से फायर झोंक दिया. गोली इंस्पेक्टर के कान से छूते हुए निकल गई और छर्रे गालों पर लग गए. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और इंस्पेक्टर को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में पहुंचाया.
क्या गाड़ी पकड़े जाने से नाराज थे खनन माफिया?
एसएसपी ने बताया कि 29 सितंबर को इंस्पेक्टर ने पुष्पेंद्र यादव की गाड़ी अवैध खनन में पकड़ी थी. इसी को लेकर पुष्पेंद्र और उसके भाई खफा थे और इंस्पेक्टर चौहान पर हमला कर दिया. उन्होंने कहा कि मौके से एक कारतूस का खोखा और बाइक बरामद की गई है.
बताया जाता है कि पुलिस ने बदमाशों की तलाश के लिए कई टीमें बनाई थीं. बदमाशों के गुरसराय के जंगल में होने की सूचना पाकर पुलिस ने घेराबंदी कर बदमाश को पकड़ने की कोशिश की तो उसने पुलिस पर फायर झोंक दिया. जवाबी फायरिंग में पुलिस ने बदमाश को मार गिराया. घटना की सूचना मिलते ही डीआईजी सुभाष सिंह बघेल, एसएसपी डॉक्टर ओपी सिंह मौके पर पहुंचे और घटना के संबंध में जानकारी ली.