उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित अनामिका शुक्ला प्रकरण में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हाथ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर टीचर बनाने वाले गैंग के सरगना तक पहुंच गए हैं. एसटीएफ ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षक के पद पर नौकरी दिलाने वाले गैंग का भंडाफोड़ कर दिया है. एसटीएफ ने इस मामले में सरगना समेत तीन को गिरफ्तार करने का दावा किया है.
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हालांकि एसटीएफ की ओर से इस संबंध में अभी अधिक जानकारी नहीं दी गई है कि इस गैंग का सरगना कौन है या गिरफ्तारियां कब और कहां से की गईं. गौरतलब है कि शिक्षकों का डिजिटल डाटाबेस तैयार किए जाने के दौरान अनामिका शुक्ला नाम से एक ही दस्तावेज के आधार पर एक साथ 25 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में नौकरी कर एक साल में सरकार को एक करोड़ रुपये का चूना लगाए जाने का मामला सामने आया था.
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इस मामले में यूपी सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी आक्रामक तेवर दिखाते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद चौतरफा आलोचनाओं से घिरी यूपी की योगी सरकार ने इसकी जांच के लिए जांच कमेटी बनाने के साथ ही सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के आदेश दे दिए थे.
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वहीं, इस प्रकरण के सामने आते ही एसटीएफ भी सक्रिय हो गई थी. एसटीएफ ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कई साल से फर्जी दस्तावेजों के सहारे सेवारत अन्य शिक्षकों की भी पहचान कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भी लिखा था. इसमें कई ऐसे शिक्षकों के नाम थे, जो 20 साल से अधिक समय से सेवा में हैं. एसटीएफ ने इन शिक्षकों की ओर से नौकरी पाने के लिए अंक बढ़ाने को दस्तावेज में हेरा-फेरी करने की बात कही थी.