उत्तर प्रदेश के अवैध रेत खनन मामले में सीबीआई (CBI) की ताबड़तोड़ छापेमारी जारी है. शनिवार को मामले में सीबीआई ने उत्तर प्रदेश और दिल्ली के 14 ठिकानों पर छापेमारी की और तलाशी अभियान चलाया. जांच एजेंसी ने उत्तर प्रदेश के हमीरपुर, नोएडा, लखनऊ और कानपुर समेत अन्य इलाकों में छापेमारी की. यह अवैध खनन का मामला उस समय का है, जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास खनन मंत्री की जिम्मेदारी थी.
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि मामले में अखिलेश यादव की भूमिका की भी जांच की जाएगी. मामले में सीबीआई उनसे पूछताछ भी कर सकती है. सीबीआई ने साल 2012-16 के खनन मंत्री के नाम लिए हैं. आपको बता दें कि अखिलेश यादव साल 2012 से 2013 तक उत्तर प्रदेश के सीएम होने के साथ खनन मंत्री भी थे. ऐसे में मामले की आंच अखिलेश यादव तक भी पहुंच सकती है. फिलहाल अखिलेश के विधायक रमेश मिश्रा और उसके भाई दिनेश कुमार को सीबीआई ने मामले में आरोपी बनाया है. कानपुर के रहने वाले दिनेश कुमार एक कारोबारी हैं. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि इस अवैध खनन मामले में सरकारी अधिकारियों समेत 11 लोग शामिल हैं.
CBI Sources on UP illegal mining case: From 2012 to 2013, Akhilesh Yadav was the Mining minister. All those who were ministers in that period, their role will be investigated. pic.twitter.com/p1WDdOYM77
— ANI UP (@ANINewsUP) January 5, 2019
आपको बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कुछ समय के लिए रेत खनन पर रोक लगी थी, लेकिन इसके बावजूद अधिकारी अवैध खनन की इजाजत देते रहे. इस दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सूबे का खनन विभाग संभाल रहे थे.
अवैध खनन मामले में सीबीआई ने इनको बनाया आरोपी
सीबीआई सूत्रों की मानें तो लीज होल्डर आदिल खान, आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला, तत्कालीन खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, समाजवादी पार्टी के विधायक रमेश मिश्रा और उनके भाई, हमीरपुर में खनन क्लर्क रहे राम आश्रय प्रजापति और अंबिका तिवारी, जालौन में खनन क्लर्क रहे राम अवतार सिंह और उनके रिश्तेदार के अलावा संजय दीक्षित और जालौन के करण सिंह पर अवैध खनन में शामिल होने का आरोप है. सीबीआई ने BSP के टिकट से विधायकी का चुनाव लड़ चुके संजय दीक्षित के साथ ही उनके पिता सत्य देव दीक्षित के खिलाफ भी कार्रवाई की है.
CBI Sources on illegal mining of minor minerals case: Adil Khan, B.Chandrakal, then mining officer Moinuddin, SP MLC Ramesh Mishra&his brother, mining clerk Ram Ashray Prajapati, Ambika Tiwari (Hamirpur), mining clerk Ram Avatar Singh & his relative and Sanjay Dikshit are accused
— ANI UP (@ANINewsUP) January 5, 2019
आईएएस अधिकारी चंद्रकला पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की रोक के बावजूद खनन लीज की मंजूरी देने और उसको रिन्यू करने का आरोप है. सीबीआई की छापेमारी में उनके पास से प्रोपर्टी के दस्तावेज बरामद हुए हैं. साथ ही उनके लॉकर और कुछ ज्वैलरी को जब्त किया गया है. वहीं, आदिल खान पर तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति की सिफारिश से लीज हासिल करने का आरोप है. सीबीआई ने आदिल खान के लखनऊ और दिल्ली के लाजपत नगर स्थित ठिकाने पर छापेमारी की है.
जब अवैध खनन का यह खेल चल रहा था, तब मोइनुद्दीन हमीरपुर में खनन अधिकारी और जियोलॉजिस्ट के रूप में तैनात थे. मोइनुद्दीन के पास से छापेमारी में 12 लाख 50 हजार रुपये नकद और एक किलो 800 ग्राम सोना बरामद हुआ है. जालौन में खनन विभाग में क्लर्क रहे राम अवतार सिंह के ठिकाने से भी सीबीआई ने 2 करोड़ रुपये नकद और 2 किलो सोना बरामद किया है.
सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव से ज्यादा लोकप्रिय हैं चंद्रकला
बी. चन्द्रकला 2008 बैच की IAS अधिकारी हैं. वह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं. लोकप्रियता के मामले में चंद्रकला उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी आगे हैं. फेसबुक पर चंद्रकला के 86 लाख 36 हजार 348 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, जबकि अखिलेश के फॉलोअर्स की संख्या 68 लाख16 हजार 363 है.
आरोपों में पहले भी घिर चुकी हैं चंद्रकला
अगर चंद्रकला की बात करें, तो वह पहले भी आरोपों में घिर चुरी हैं. उन्होंने साल 2017 में अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया था. आपको बता दें कि सिविल सेवा अधिकारियों को 2014 के लिए 15 जनवरी 2015 तक अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड पेश करना था. केंद्रीय सामान्य प्रशासन एवं प्रशिक्षण विभाग के मुताबिक चंद्रकला की संपत्ति 2011-12 में 10 लाख रुपये थी, जो 2013-14 में बढ़कर करीब 1 करोड़ रुपये हो गई यानी एक साल में उनकी संपत्ति 90 फीसदी बढ़ी.