उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में अवैध खनन के मामले में 4 लोगों को नोटिस भेजने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय शामली जिले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने जा रही है. जानकारी के मुताबिक ईडी ने केस से जुड़ी हुई तमाम जानकारियां दस्तावेज और सबूत इकट्ठा कर लिए हैं.
इस मामले में पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति सीधे तौर पर फंसे हुए हैं, क्योंकि शामली के मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में गायत्री प्रजापति के करीबी अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू और विकास वर्मा भी नामजद हैं.
सभी लोगों पर गायत्री प्रजापति के दम पर सपा सरकार के दौरान अवैध खनन के मामले में लिप्त होने का शक है. सिंडिकेट की पूरी तरह से देखभाल यही लोग करते थे और आरोप है कि अवैध खनन से उगाही गई करोड़ों की संपत्ति और नगदी अपने आकाओं तक ही लोग पहुंचाते थे.
गायत्री प्रजापति के गिरफ्तार होने से पहले इन दो लोगों ने हमीरपुर में हाईवे पर एक बड़ा बंगला बनवाकर गायत्री प्रजापति को गिफ्ट करने का प्लान किया था, लेकिन उससे पहले गायत्री प्रजापति रेप के मामले में फंस गए और इन लोगों का प्लान धरा रह गया.
फिलहाल ताजा मुसीबत में गायत्री प्रजापति को भी लपेटा जा सकता है क्योंकि यह सारे अवैध खनन उस वक्त हुए जब गायत्री प्रजापति उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री थे. इस मामले में ईडी ने सीबीआई की ओर से दाखिल चार्जशीट से भी तमाम सबूत लिए हैं.
जानकारी के मुताबिक सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर ईडी गायत्री प्रजापति के करीबी समेत कुल 9 आरोपियों पर मनी लांड्रिंग के तहत मुकदमा दर्ज करेगी. इससे पहले सीबीआई 2017 में गायत्री के करीबियों के खिलाफ दिल्ली में एफआईआर दर्ज कर चुकी है. इसके बाद छापेमारी भी की गई थी. इस एफआईआर में गायत्री के दो करीबिंयो के अलावा शामली के तत्कालीन अधिकारी आमिर सिद्दीकी, जेपी पांडे, सतीश कुमार, संदीप राठी, मंगलसेन वर्मा समेत कई अन्य लोग नामजद थे.