उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस विभाग में छुट्टियों के खेल का एक नया घोटाला सामने आया है. अपने तरीके के अनोखे घोटाले में करीब 152 पुलिसकर्मियों ने अर्न लीव यानी उपार्जित अवकाश के नाम पर घोटाला किया है.
इस घोटाले से सरकार को करीब 91 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. हद तो इस बात की है कि जांच में निकल कर आया कि लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में एक पुलिस वाला ऐसा भी था जिसने 1998 में छुट्टी ली और 20 साल बाद भी ड्यूटी पर नहीं लौटा.
लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. जानकारी के मुताबिक सीतापुर के रहने वाले 1981 बैच के आरक्षी सूर्य प्रसाद की साल 1998 में कोतवाली में तैनाती थी. इस दौरान वह आकस्मिक अवकाश पर गए और अब तक नहीं लौटे.
20 साल से गैरहाजिर सिपाही के बारे में कोई ठोस छानबीन नहीं की गई. अब इस बारे में जांच की जा रही है कि उन्होंने कब तक वेतन प्राप्त किया और उक्त पुलिस वाले की अभी क्या स्थिति है.
इसके साथ ही साथ पुलिस लाइन में खर्चों से जुड़ी जांच के आदेश दिए गए हैं, जिसमें पुलिस विभाग में तैनात तमाम दूसरे कर्मचारी की उपस्थिति रजिस्टर पर रोज दर्ज करा करके उसकी जांच करने के आदेश दिए गए हैं. एसएसपी के मुताबिक छुट्टी घोटाले की जड़ें गहरी है.