उत्तर प्रदेश की नोएडा पुलिस ने लोन देने और नौकरी के नाम पर बेरोजगार युवकों को ठगने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने गिरोह के द्वारा चलाए जा रहे एक कॉल सेंटर पर भी छापा मारा और वहां से दो महिलाओं समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस के मुताबिक ये लोग एक वेबसाइट से उन लोगों का डाटा खरीद लेते थे, जिन्हें लोन की जरूरत होती थी या फिर कोई बेरोजगार युवक नौकरी की तलाश में अपना बॉयोडाटा कहीं भेज रहा हो उसकी जानकारी जुटा लेते थे. फिर उन लोगों से ये फोन पर बात करते और उन्हें कुछ इस तरह अपना व्यापार दिखाते कि लोगों को लगता कि ये लोग बेहद बड़े व्यापारी हैं. किसी को भी ये अपना पता नहीं बताते थे. ये कहते थे कि पहले काम करके दिखाओ और पहले लोगों से हमारे धंधे में पैसे लगवाओ.
इसके बाद वो उन्हें समझाते कि अगर उनकी कंपनी में उन्हें नौकरी करनी है तो उन्हें पहले उनकी कंपनी के अलग-अलग स्कीम में पैसे लगवाने होंगे. बेरोजगार युवक इनकी बातों में आ जाते और फिर अपने जानकारों से इनके फेक स्कीम में पैसे लगवा देते. अगर कोई युवक पहले ऑफिस देखने की बात करता तो वो उससे बात ही नहीं करते थे.
पुलिस को इन ठगों की जानकारी तब लगी जब बनारस का रहने वाला एक युवक सौरभ नोएडा पुलिस के पास पहुंचा और शिकायत दी. सौरभ ने पुलिस को वो तमाम नंबर दिए और बताया कि किस तरह से उसके जानकारों से कभी एग्रीकल्चर स्कीम में तो कभी गोल्ड में पैसे लगवाए गए और फिर उसके फोन उठाने बंद कर दिए.
सौरभ की शिकायत पर पुलिस ने जब जांच की तो इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के जरिए पुलिस नोएडा में चल रहे फेक कॉल सेंटर तक पहुंच गई. पुलिस का कहना है कि जो दस्तावेज पुलिस को मिले हैं उसके आधार पर लग रहा है कि इन लोगों ने अब तक सैकड़ों लोगों को ठगा है. पुलिस आगे की जांच में जुटी है और आरोपियों के अकाउंट खंगाल रही है.