यूपी में बढ़ते अपराध पर काबू पाने के लिये पुलिस एक हाईटेक तरीका अपनाने जा रही है. जी हां, यूपी पुलिस का दावा है कि ऑनलाइन क्राइम मैपिंग सिस्टम के जरिए सूबे में होने वाले अपराधों पर लगाम लगेगी. पुलिस कम समय में मौका-ए-वारदात तक पहुंचेगी और मुजरिमों को गिरफ्त में लेगी.
अपनी लेट लतीफी और ढीले काम काज के लिए बदनाम यूपी पुलिस अब अपना चेहरा बदल रही है. नई तकनीक के जरिए क्राइम डिटेक्शन रेट और टर्न अराउंड टाइम में कमाल की तेजी लाने वाली है. इस तरह अब हर इलाके में होने वाले अपराध बस फाइलों में सिमट कर नहीं रहेंगे.
हर जिले का क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो अब इन अपराध के मामलों की ऑनलाइन मैपिंग करेगा. ताकि हर राज्य के किसी भी इलाके में होने वाले अलग-अलग तरह की वारदातों की जानकारी बस उस इलाके के मैप को कंप्यूटर पर देख कर मालूम किया जा सके. जिससे अपराध पर तेजी से लगाम लगे.
मैप पर प्लांट किए जाएंगे जिलेवार जुर्म
एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) दलजीत चौधरी ने बताया कि एक सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है. इसकी मदद से जिलेवार जितने भी अपराध हो रहे हैं, उनको हम मैप पर प्लॉट करेंगे. ये एक इंटरएक्टिव व्यवस्था है. इसमें उसपर क्लिक करने पर उस क्षेत्र में घटने वाली समस्त घटनाएं उस पर प्रदर्शित होंगी.
गूगल मैपिंग सिस्टम से जुर्म पर लगाम
आईजी आशुतोष पांडे ने कहा कि हम लोग इस नए सिस्टम में गूगल मैपिंग से क्राइम पर लगाम लगाने की कोशिश करेंगे. इसमें किसी भी क्राइम को थानेवार दर्ज किया जाएगा. क्राइम दर्ज करते समय उसकी हर बारीकी का जिक्र होगा. जैसे- अपराध, अंजाम देने वाले की उम्र, स्टेटस और लोकेशन आदि.
कानपुर जोन में हुई मुहिम की शुरूआत
अपराध को मैप करने की मुहिम की शुरूआत कानपुर जोन में शुरू की जा चुकी है. जबकि डीजीपी के आदेशों के मुताबिक इसी साल एक अप्रैल से इसे यूपी के सभी जिलों में लागू किया जाना है. हर महीने के आखिर में एसएसपी क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के साथ मीटिंग कर आंकड़ों का आंकलन करेंगे.