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कासगंज हिंसा: योगी सरकार एक्शन में, SP पर गिर सकती है गाज, चंदन के परिवार को 20 लाख मुआवजा

गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में दो समुदायों के बीच हिंसा के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है. पुलिस ने इस मामले में अब तक 112 लोगों को गिरफ्तार किया है.

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हालाता पर पुलिस-प्रशासन की पैनी नजर
हालाता पर पुलिस-प्रशासन की पैनी नजर

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गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में दो समुदायों के बीच हिंसा के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है. पुलिस ने इस मामले में अब तक 112 लोगों को गिरफ्तार किया है. हिंसा भड़कने के तीसरे दिन रविवार सुबह को कुछ अराजक तत्वों ने एक दुकान में आग लगा दी. हालांकि स्थिति पर जल्द ही काबू पा लिया गया. पुलिस का दावा है कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है लिहाजा अब कर्फ्यू लागू नहीं किया गया है. इलाके पर ड्रोन कैमरों की मदद से नजर रखी जा रही है.

वहीं पुलिस ने मुख्य आरोपी के घर से पिस्टल बरामद कर लिया है. वहीं हालात का सामान्य करने के लिए सूब के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मोर्चा संभाले हुए हैं. उन्होंने आज कासगंज के मुद्दे को लेकर DGP और मुख्य सचिव के साथ बैठक की. बैठक के बाद योगी सरकार की ओर से मृतक चंदन गुप्ता के परिजनों को 20 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया गया है.

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हिंसा पर अब तक अपडेट

पुलिस द्वारा आज रात जारी बयान के मुताबिक कासगंज हिंसा मामले में अब तक कुल 112 लोग गिरफ्तार किए गए हैं इनमें से 31 अभियुक्त हैं जबकि 81 अन्य को एहतियातन गिरफ्तार किया गया है. हिंसा के मामले में अब तक पांच मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें से तीन कासगंज के कोतवाल की तहरीर पर पंजीकृत हुए हैं. उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया गया है. वहीं हिंसा के दौरान 20 साल के चंदन गुप्ता की जान चली गई.

SP पर गिर सकती है गाज

DGP के साथ बैठक के बाद योगी सरकार कासगंज हिंसा को लेकर बड़ी कार्रवाई करने जा रही है. 'आजतक' के सूत्रों के मुताबिक DGP मुख्यालय ने कासगंज के SP सुनील सिंह को निलंबित करने के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी है. इन पर आरोप है कि वे घटना की सूचना मिलने के बाद घंटों देर से मौके पर पहुंचे, जिससे स्थित काबू से बाहर हो गई.

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अखिलेश ने की मुआवजे की मांग

कासगंज हिंसा पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार के अधिकारी को दोषी करार दिया है. अखिलेश ने इटावा में कहा कि मृतक चंदन के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा, 'अगर हम कासगंज चले गए तो बीजेपी बाले हमारे ऊपर आरोप लगाने लगेंगे. माहौल सही हो जाने के बाद मृतक के घर जाऊंगा.'

इससे पहले कासगंज में शांति बहाली के लिए पीस मीटिंग बुलाई गई. मीटिंग में डीएम आरपी सिंह ने सबसे लॉ एंड ऑर्डर का पालन करने की अपील की. उन्होंने कहा कि मीटिंग में मौजूद लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी तरह की हिंसा में शामिल न हो. न ही किसी दुकान को जलाएं और बस में आग लगाएं.

सिंह ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शांति स्थापित करने में लोगों ने सहयोग नहीं किया, तो उपद्रवियों की पहचान करके सख्त एक्शन लिया जाएगा.

एक ही समुदाय के लोगों के साथ पीस मीटिंग!

हालांकि पीस मीटिंग में समाज के सभी वर्गों की हिस्सेदारी नजर नहीं आई. मीटिंग के लिए केवल हिंदू समुदाय के लोग ही पहुंचे थे. गौर करने वाली बात है कि फायरिंग की घटना के अलावा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के वाहनों और गाड़ियों को उपद्रवियों ने आग के हवाले किया और तोड़ फोड़ की.

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माना जा रहा है कि टकराव की आशंका के चलते प्रशासन ने केवल हिंदू समुदाय के लोगों को ही पीस मीटिंग के बुलाया. पीस कमेटी की बैठक में एडीजी आगरा जोन और कमिश्वर ने बैठक में हिस्सा लिया.

हालात काबू में, ड्रोन से निगरानीः डीजीपी

बता दें कि कासगंज में पिछले तीन दिनों से हिंसा जारी है. दूसरी ओर डीजीपी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिंसा काबू में है और स्थिति पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है. हालांकि तीसरे दिन भी आगजनी की छिटपुट घटनाएं अभी भी जारी है.

डीजीपी ने कहा कि घटना के बाद आरोपी राशिद के घर से तलाशी मे देशी बम मिले हैं. पुलिस ने कई देशी बम बरामद किए हैं. हालांकि हालात नियंत्रण में हैं और पिछले 10 घंटे से किसी तरह की हिंसा की कोई खबर नहीं है.

हिंसा के मामले में 60 से ज्यादा गिरफ्तारियां

उन्होंने कहा कि छिटपुट आगजनी की खबरें हो रही हैं वो सुनसान जगहों पर हुई है. ऐसी जगहों पर हुई जो सालों से सुनसान पड़ी थी. प्रशासन के लोग एरियल सर्वे कर रहे हैं. ड्रोन से निगरानी की जा रही है. अब तक मामले में 60 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. सभी संदिग्ध लोगों को पकड़ा गया है.

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डीजीपी ने कहा कि इस घटना में कहां चूक हुई? कौन जिम्मेदार है? इसकी विवेचना बाद में होगी. फिलहाल प्रशासन पूरा ध्यान स्थिति को काबू करने में लगा है, जो कि लगभग हो चुका है. डीजीपी ने कहा कि फिलहाल साजिश के नजरिए से हम इसे नहीं देख रहे, लेकिन जांच में अगर बात आई तो उसकी भी जांच होगी.

यह है पूरा मामला

शुक्रवार को गणतंत्र दिवस पर VHP और ABVP के कार्यकर्ताओं ने तिरंगा यात्रा निकाली. तिरंगा यात्रा जब बिलमार गेट के पास अल्पसंख्यक समुदाय के मोहल्ले से गुजरने लगा तो तिरंगा यात्रा निकाल रहे युवकों ने भड़काऊ नारेबाजी की, जिससे दो गुटों में झड़प शुरू हो गई. झड़प इतनी बढ़ी की इसने हिंसा का रूप ले लिया.

दोनों पक्षों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई और गोलियां भी चलीं. फायरिंग में हिंदू समुदाय के एक युवक चंदन गुप्ता की मौत हो गई. युवक की मौत के बाद हिंसा ने उग्र रूप ले लिया. उग्र उपद्रवियों ने जमकर दुकानों में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी की. रात होते-होते इलाके में भारी पुलिस और सुरक्षा बल तैनात करना पड़ा और कर्फ्यू लगा दिया गया.

रात भर माहौल शांत लेकिन तनावपूर्ण बना रहा. हालांकि अगले दिन यानि शनिवार को कर्फ्यू के बावजूद फिर से हिंसा भड़क उठी और उपद्रवियों ने दर्जनों बसों और वाहनों में आग लगा दी. इलाके के सभी आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. PAC और RAF की कई कंपनियां तैनात कर दी गईं और कासगंज छावनी में तब्दील हो गया.

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कासगंज में बीते तीन दिनों से कर्फ्यू लगा हुआ है और शनिवार की शाम से इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. अब तक 60 से ज्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. रविवार को भी छिटपुट हिंसा की खबरें आईं. पुलिस उपद्रवियों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है.

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