उत्तराखंड के हल्द्वानी में कत्ल का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक महिला ने अपने बेटे के साथ मिलकर अपने सुहाग का खून कर दिया. यही नहीं इस वारदात को छुपाने के लिए दोनों ने लाश को घर में ही दफ्न कर दिया. जब कई दिन तक मृतक दूसरे रिश्तेदारों को दिखाई नहीं दिया तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी.
मामला हल्द्वानी कोतवाली के देवलचौड़ चौकी क्षेत्र के जीतपुर नेगी गांव का है. जहां प्यारेलाल अपने परिवार के साथ रहता था. सोमवार को पुलिस ने उसके घर जाकर 3 घंटे कड़ी मशक्कत से एक कमरे में खुदाई की. इस खुदाई में पुलिस को एक बुजुर्ग की लाश मिली, जो कि चार-पांच दिन पुरानी लग रही थी.
पुलिस की तफ्तीश में खुलासा हुआ कि मृतक कोई और नहीं बल्कि इसी घर का मालिक प्यारेलाल था. इसके बाद इस कत्ल की कहानी से जब पर्दा उठा तो सुनने वाले हैरान रह गए. दरअसल, प्यारेलाल के भाई बाबूलाल ने यूपी के रामपुर स्थित अपने घर से भाई की कुशल खबर पूछने के लिए फोन किया.
लेकिन बाबूलाल को अपनी भाभी और भतीजे से प्यारेलाल की कोई खबर नहीं मिली. बाबूलाल को कुछ शक हुआ. वह अपने भाई का हाल चाल जानने रामपुर से हल्द्वानी आया और गांव में जाकर उसने अपनी भाभी और भतीजे से भाई के बारे में पूछा तो उन्होंने टालमटोली की और बताया कि प्यारेलाल कहीं चला गया है.
बाबूलाल को इस बात की हैरानी हो रही थी कि उसका भाई प्लारेलाल 70 साल का था. वह ज्यादा चल फिर नहीं सकता था. अब उसका शक पुख्ता हो चला था. लिहाजा वह हल्द्वानी कोतवाली पहुंचा और अपनी भाभी और भतीजे के खिलाफ प्यारेलाल को गायब करने की रिपोर्ट दर्ज करा दी.
पुलिस ने बाबूलाल की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए प्यारेलाल की पत्नी और बेटे को हिरासत में लिया. जब उन दोनों से पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो सारा राज खुल गया. प्यारेलाल का अक्सर अपने बेटे और पत्नी से झगड़ा होता रहता था. इसी झगड़े की वजह से प्यारेलाल को मां-बेटे ने मिलकर मार डाला. और गुनाह छिपाने के लिए उसकी लाश को घर में ही दफना दिया .
पुलिस ने आरोपी बेटे की निशानदेही पर घर के अंदर 4 फीट खुदाई कर प्यारेलाल का शव बरामद कर लिया. साथ ही कोतवाली पुलिस ने मृतक प्यारेलाल की पत्नी रानी देवी और बेटे मुन्नालाल के खिलाफ हत्या और शव छुपाने के जुर्म में IPC की धारा 302 और 201 के तहत मुकदमा दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया है.