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चंडीगढ़ छेड़खानी केस: पीड़िता की जुबानी, जानिए उस रात की कहानी

उस रात देश के बड़ों शहरों में शुमार चंडीगढ़ में एक आईएएस अफसर की बेटी वर्णिका कुंडू अपनी कार से जा रही थी. पीछे से एक कार ने हॉर्न दिया. वर्णिका ने कार को साइड दे दिया. लेकिन ये क्या कार वर्णिका की कार के आगे आकर रुक गई. उसमें से दो लड़के नीचे उतरे. वर्णिका की तरह बढ़ने लगे. उसने लड़को का इरादा भांप लिया. कार को रिवर्स लेकर भागने लगी.

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आईएएस अफसर की बेटी वर्णिका कुंडू
आईएएस अफसर की बेटी वर्णिका कुंडू

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उस रात देश के बड़ों शहरों में शुमार चंडीगढ़ में एक आईएएस अफसर की बेटी वर्णिका कुंडू अपनी कार से जा रही थी. पीछे से एक कार ने हॉर्न दिया. वर्णिका ने कार को साइड दे दिया. लेकिन ये क्या कार वर्णिका की कार के आगे आकर रुक गई. उसमें से दो लड़के नीचे उतरे. वर्णिका की तरह बढ़ने लगे. उसने लड़को का इरादा भांप लिया. कार को रिवर्स लेकर भागने लगी.

उन दोनों मनचलों ने वर्णिका का पीछा करना शुरू कर दिया. वर्णिका का पीछा करने वाला कोई और नहीं बल्कि हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष सुभाष बराला का बेटा विकास बराला और उसका एक दोस्त है. उसने सोचा कि वह अपने पिता के रुतबे की धौंस में सड़क पर किसी लड़की को अगवा कर लेगा, लेकिन वर्णिका ने अपनी बहादुरी से उसको नीचता का एहसास करा दिया.

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आइए जानते हैं वर्णिका की आपबीती

आजतक- उस रात आपके साथ क्या हुआ था?

वर्णिका- मैंने देखा कि रोड पर पीछे से एक तेज गाड़ी आ रही है. मैंने अपनी गाड़ी साइड में कर ली, ताकि गाड़ी आगे चली जाए, लेकिन उन लोगों ने मेरे आगे अपनी गाड़ी रोक ली.

आज तक- कितनी बार हुआ ये?

वर्णिका- ये पहली बार हुआ. उसके बाद मैं राइट मुड़ी, तो वो भी मेरे साथ राइट मुड़ गए. फिर उन लोगों ने अपनी गाड़ी मेरी तरफ मुझे डराने के लिए मोड़ी. फिर ऐसे ही वो लोग अपनी गाड़ी मेरी तरफ हिलाते रहे, जिसके बाद सारा रास्ता ऐसे ही कटा.

आज तक- कितनी बार आपकी गाड़ी रोकने की कोशिश की गई?

वर्णिका- शुरुआत से लेकर हवन कुंड चौक तक कोशिश तो उनकी लगातार रही, उन्होंने अपनी गाड़ी मेरी गाड़ी के राइट साइड लगाए रखी. मैंने कहीं भी मुड़ने की कोशिश की, तो उन्होंने मुझे मुड़ने नही दिया. एक बार तो उन्होंने मेरा रोड ही ब्लॉक कर दिया. इसके बाद वो लड़का उतर कर मेरी तरफ आया.

आज तक- कितनी बार वो लड़का उतरा अपनी गाड़ी से आपकी तरफ आने के लिए, आपको उतारने के लिए?

वर्णिका- दो बार ऐसा हुआ. लड़का उतरने के बाद मेरी तरफ आया तो मैं गाड़ी रिवर्स कर निकल गई. इसके बाद मैंने पुलिस को फोन कर दिया. पुलिस ने जल्दी आने के लिए कहा. आगे रास्ते में वो लोग फिर गाड़ी रोकने की कोशिश करते रहे. लड़का गाड़ी का दरवाजा खोलकर बैठा था, जिससे वो एकदम गाड़ी से उतर जाए. दूसरी बार लड़के ने मेरा रास्ता ब्लॉक कर दिया और भाग कर मेरी तरफ आ गया. जैसे ही मैंने गाड़ी पीछे ली उसने मेरी गाड़ी के शीशे पर हाथ मारा. उस समय मैं रेड लाइट के पास थी. तभी मैंने देखा कि पुलिस पीसीआर आ रही है. अब उस लड़के ने उन्हें देखा या कोई डर नहीं था, बीच ट्रैफिक में ही मेरी गाड़ी का दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगा. मैं बस वहां से किसी तरह भागना चाहती थी. इतने में पीसीआर आ चुकी थी. पुलिस वाले भागे हुए मेरी तरफ आ रहे थे. पुलिस को वहां देखकर मैंने सोचा अब ये पकड़ लिए जाएंगे और इसलिए मैं वहां से निकल गई.

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आज तक- आप अपने फादर को लेकर गई पुलिस स्टेशन ?

वर्णिका- हां, पुलिस वालों का फोन आया था. मुझे उसी जगह वापस बुलाया, जिसके बाद कंप्लेंट दर्ज हुई.

आज तक- अब आप पीछे हटेंगी? या मन बना लिया है लड़ाई लड़ने की?

वर्णिका- अब पीछे हटके क्या फायदा? अब सब इतना हो ही गया है, अगर मैं पीछे हटती हूं तो कल ये लड़के किसी और लड़की के साथ ऐसा कर सकते हैं.

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