चंडीगढ़ में एक IAS की बेटी वर्णिका कुंडू के साथ हुए छेड़छाड़ के मामले में पुलिस ने आरोपी विकास बराला और उसके दोस्त आशीष को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने जांच में शामिल होने के लिए उन्हें समन जारी किया था. दोनों को आज 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन जब वह समय से नहीं पहुंचा, तो चंडीगढ़ पुलिस हरियाणा के टोहाना जिले में स्थित बराला के फार्म हाउस पर छापा मारा था. सुभाष बराला ने कहा था कि उनका बेटा विकास पुलिस जांच में सहयोग के लिए तैयार है.
वहीं, मेडिकल रिपोर्ट से कंफर्म हुआ है कि विकास बराला वारदात के समय पूरी तरह नशे में था. उसने जांच के लिए अपने यूरिन और ब्लड सैंपल देने से इंकार कर दिया था. इसके बाद ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने विकास से आ रही बदबू और अन्य ऑब्जर्वेशन के आधार पर पाया कि दोनों आरोपी शराब के नशे में धुत हैं. आईजी चंडीगढ़ का कहना है कि आरोपियों द्वारा सैंपल नहीं दिया जाना, उनके खिलाफ जा सकता है. इस मामले की जांच अहम मोड़ पर है. अब आरोपियों से पूछताछ बहुत जरूरी है.
हरियाणा बीजेपी प्रवक्ता जवाहर यादव ने कहा कि हमारी तरफ से इस मामले में पुलिस या प्रशासन पर कोई दबाव नहीं है. इस बारे में वर्णिका कुंडू और उनके पिता का भी बयान आया है कि पुलिस सही दिशा में जांच कर रही है. हम चाहते हैं कि पीड़िता को इस केस में पूरी तरह से न्याय मिले. इसके बाद भी कुछ दल इस बारे में राजनीति कर रहे हैं. इसमें प्रमुख रूप से कांग्रेस और आईएनएलडी का नाम सबके सामने है. उधर, कांग्रेस इस मामले को लोकसभा में उठाने की तैयारी में है.
जानकारी के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज में एक कार का एसयूवी द्वारा पीछा करना दिख रहा है. ग्यारह सेकेंड के फुटेज में वाहन में बैठे लोगों या वाहन के नम्बर स्पष्ट रूप से नहीं दिख रहे हैं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने पांच सीसीटीवी कैमरे के फुटेज निकाले हैं. चंडीगढ़ के एसएसपी इश सिंघल ने कहा कि हम सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण कर रहे हैं. हरियाणा में विपक्षी दलों ने एक महिला का पीछा करने की घटना को शर्मनाक करार दिया और प्रदर्शन किया.
उन्होंने मामले की जांच सीबीआई या उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से कराने की मांग की है. आईएनएलडी, कांग्रेस और भाकपा सहित विपक्षी दलों ने चंडीगढ़ पुलिस पर बीजेपी के दबाव में काम करने के आरोप लगाए. आईएनएलडी के प्रमुख अशोक अरोड़ा ने कहा कि स्पष्ट है कि पुलिस बीजेपी के दबाव में काम कर रही है. आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. हम सीबीआई या उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराने की मांग करते हैं.
बताते चलें कि शुरूआती जांच में चंडीगढ़ पुलिस का ये भी कहना था कि 9 जगह पर लगे सीसीटीवी कैमरों में से 5 सीसीटीवी कैमरे खराब थे और बाकी 4 सीसीटीवी कैमरों में कुछ खास रिकॉर्ड नहीं हुआ. घटनास्थल की शुरूआत से लेकर विकास बराला और आशीष के पकड़े जाने वाले इलाके तक कुल 9 प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जहां से पुलिस को पुख्ता सबूत मिल सकते हैं. हालांकि, इनमें से पांच जगहों पर से पुलिस को सीसीटीवी फुटेज मिल गया है.