कानपुर में 2-3 जुलाई की रात विकास दुबे और उसके गुर्गों ने जो मौत का तांडव खेला, उसके बाद चल रही जांच में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उसके करीबी कानपुर के ब्रह्ननगर के कारोबारी जयकांत वाजपेयी उर्फ जय वाजपेयी को पुलिस ने रविवार देर रात गिरफ्तार कर लिया.
इससे पहले करीब पंद्रह दिन तक जय वाजपेयी को पुलिस ने हिरासत से छोड़ने और फिर पकड़ने का काम किया. अभी तक की जांच के मुताबिक, जय वाजपेयी पर विकास दुबे को कारतूस सप्लाई करने की पुष्टि हुई है. इसके साथ ही मुठभेड़ में मारे जा चुके बऊवन के जीजा डब्बू को भी दबोच लिया गया है.
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दोनों के खिलाफ षड्यंत्र रचने और आर्म्स एक्ट की धारा में एफआईआर दर्ज की गई है. सोमवार को कोर्ट में पेश करने के बाद इन्हें जेल भेजा जाएगा. पुलिस जय वाजपेयी को हिरासत में लेकर कई दिनों से पूछताछ कर रही थी. दरअसल, बिकरू कांड के बाद पुलिस ने कानपुर के विजय नगर से तीन लावारिस लग्जरी कारें बरामद की थीं.
जांच की गई तो पता चला कि कारें जय वाजपेयी की हैं. यह भी साफ हुआ कि जय के विकास से करीबी रिश्ते हैं. वह विकास दुबे के फंड मैनेजर की तरह काम कर रहा था. इसके बाद पुलिस ने जय के असलहा और कारतूस की जांच शुरू की. एसएसपी दिनेश कुमार पी के मुताबिक जय के घर से 20 से ज्यादा कारतूस मिले.
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पूछताछ में जय वाजपेयी ठीक से जवाब नहीं दे सका. पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम की जांच में सामने आया कि जय वाजपेयी ने घटना से कुछ दिन पहले विकास को कारतूस सप्लाई किए थे. पुलिस को जांच में ये भी पता चला है कि विकास दुबे ने घटना से दो दिन पहले बिकरू गांव जाकर विकास दुबे को दो लाख रूपये कैश और कारतूस दिये थे.
जय वाजपेयी, विकास दुबे और उस जैसे कई लोगों के पैसों को ब्याज पर लगाने के साथ बीसी में भी चलाता था. कानपुर पुलिस के मुताबिक, जय अब तक की जांच की रिपोर्ट ईडी को भी सौंपी जाएगी, जिससे कि उसकी अवैध संपत्ति की जांच ईडी कर सके.
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इस मामले में इटावा में मुठभेड़ के दौरान मारे गए बउवन के जीजा डब्बू को भी घटना की साजिश का आरोपी पाया गया है. उसके खिलाफ 120 बी के तहत कार्रवाई की गई है. उसकी लोकेशन 2 जुलाई की रात 8:30 बजे बिकरू गांव में थी. उससे महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं.
विकास दुबे के अलावा भी जय वाजपेयी के कानपुर के कई बड़े व्यापारियों से संबंध होने का बात पता चली है. इसकी भी जांच की जा रही है, जिससे पता चल सके कि क्या ये लोग भी विकास दुबे के सहयोगी तो नहीं थे.
अनंत देव तिवारी के साथ जय वाजपेयी
इसके साथ ही जय वाजपेयी के साथ कानपुर के पूर्व एसएसपी रहे अनंत देव तिवारी की फोटो वायरल हो रही है. अनंत देव पर विकास दुबे के मामले में लापरवाही करने का आरोप भी है. अनंत देव को एसटीएफ से हटा दिया गया और उन्हें पीएसी भेजा गया है.