कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे का शुक्रवार की सुबह यूपी पुलिस और एसटीएफ ने एनकाउंटर कर दिया था. पांच लाख के इनामी बदमाश के एनकाउंटर को लेकर कई सारे सवाल खड़े हो रहे हैं. अब विकास दुबे के एनकाउंटर का मामला देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट में वकील अनूप अवस्थी ने जनहित याचिका दायर की है. अपनी याचिका में अनूप अवस्थी ने मांग की है कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके साथी के एनकाउंटर की जांच कोर्ट की निगरानी में कराई जाए. उन्होंने मांग की है कि विकास और उसके साथी के एनकाउंटर की जांच सीबीआई या एनआईए जैसी जांच एजेंसियों से कराई जाए.
गौरतलब है कि पांच लाख के इनामी बदमाश विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर अनूप अवस्थी की याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अब तक चार याचिकाएं दाखिल हो चुकीं. अनूप अवस्थी से पहले घनश्याम उपाध्याय, पीयूसीएल की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर हो चुकी हैं. जबकि अटल बिहारी दुबे ने भी पत्र याचिका दायर की है.
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बता दें कि कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने तीन तरफ से घेरकर फायर झोंक दिया था. पुलिस टीम पर हुई तीनतरफा फायरिंग की इस घटना में क्षेत्राधिकारी (सीओ) देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. गैंगस्टर विकास दुबे इस कांड में मुख्य आरोपी था. घटना के बाद वह फरार हो गया था.
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यूपी पुलिस ने विकास दुबे पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था, जिसे बढ़ाकर 5 लाख तक कर दिया गया था. 9 जुलाई के दिन विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर से पकड़ा गया था. उज्जैन से विकास को लेकर कानपुर वापस आ रही पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की वह गाड़ी सड़क पर ही पलट गई थी, जिसमें विकास सवार था.
पुलिस के मुताबिक हादसे के बाद विकास दुबे ने घायल पुलिसकर्मियों की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की. पुलिस पर फायरिंग की. जवाबी कार्रवाई में उसे मार गिराया गया, लेकिन यूपी पुलिस की इस कहानी को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं.