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लखनऊ शूटआउट के बाद सतर्क पुलिस विभाग, सिपाहियों को दी जाएगी ट्रेनिंग

लखनऊ में जिस तरह से ऐपल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की सिपाही ने गोली मारकर हत्या की उसके बाद से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. अब पुलिस विभाग ने सिपाहियों को फिर से ट्रेनिंग देने का फैसला लिया है.

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विवेक तिवारी और कल्पना तिवारी (फाइल फोटो, फेसबुक)
विवेक तिवारी और कल्पना तिवारी (फाइल फोटो, फेसबुक)

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर इलाके में जिस तरह से ऐपल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की सिपाही ने गोली मारकर हत्या की उसके बाद से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस शूटआउट के बाद अब पुलिस विभाग ने सिपाहियों के व्यवहार, सुरक्षा, अपराध नियंत्रण एवं असलहों के इस्तेमाल को लेकर फिर से ट्रेनिंग देने का फैसला लिया है.

जानकारी के मुताबिक लखनऊ के करीब 6000 सिपाहियों को 300-300 के ग्रुप में ट्रेनिंग दी जाएगी. इस ट्रेनिंग में सिपाहियों को अनुशासन, जनता से व्यवहार करने का तरीका और मानवीय पहलुओं से जुड़ी हुई नसीहतें दी जाएंगी. साथ ही साथ इस जानकारी और ट्रेनिंग को रोजमर्रा की कार्यशैली में शामिल करने का तरीका भी सिखाया जाएगा.  

इसमें जिन बातों पर खासतौर पर ध्यान दिया जाएगा वह है कि पुलिसवाले अपने संपर्क में आने वाले नागरिकों के साथ कैसे संवाद करें. कैसे पुलिसवाले किसी भी मामले की जांच करते वक्त किसी भी तरीके की उग्रता या अशोभनीय व्यवहार न करें. इसके अलावा अगर इलाके में कोई भी वीआईपी मूवमेंट होता है तो ऐसे में पुलिसवालों का व्यवहार किस तरीके से होना चाहिए. इसकी भी ट्रेनिंग दी जाएगी.

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जानकारी के मुताबिक आने वाले सोमवार से यह ट्रेनिंग एडीजी जोन के नेतृत्व में शुरू कर दी जाएगी. हफ्ते में 6 दिन चलने वाली इस ट्रेनिंग में रविवार को छुट्टी रखी जाएगी. ट्रेनिंग हर रोज सुबह 6:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक दी जाएगी.

आरोपी को सिपाहियों का समर्थन

उत्तर प्रदेश पुलिस के सिपाहियों ने आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी के समर्थन में मुहिम चलाने का फैसला किया है. यूपी पुलिस राज्य कर्मचारी विभाग के महासचिव अविनाश पाठक ने कहा कि 5 अक्टूबर से पुलिसकर्मी काला बिल्ला या काली पट्टी लगाएंगे, 6 तारीख को इलाहाबाद में मीटिंग बुलाई गई है और उसके बाद आंदोलन का फैसला लिया जाएगा.

उनका कहना है कि सभी सिपाही आरोपी सिपाही की बिना जांच के बर्खास्तगी और जेल भेजे जाने के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं.

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