कानपुर गोलीकांड में गैंगस्टर विकास दुबे के दो साथियों को महाराष्ट्र्र एटीएस ने शनिवार को गिरफ्तार किया है. विकास के साथियों के नाम गुड्डन त्रिवेदी और सोनू तिवारी हैं. गुड्डन त्रिवेदी ठाणे में ही अपने एक जानने वाले के घर पर रुका था.
मुंबई पुलिस के मुताबिक, गुड्डन त्रिवेदी कानपुर गोलीकांड में आरोपी है. जबकि यूपी पुलिस का कहना है कि वह विकास दुबे का साथी, लेकिन गोलीकांड में वांटेड नहीं था.
इससे पहले यूपी पुलिस ने एक पोस्टर जारी किया था, जिसमें गुड्डन त्रिवेदी का नाम और फोटो था, लेकिन उसके खिलाफ कौन से मामले हैं इसका जिक्र नहीं था.
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गुड्डन त्रिवेदी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद डर गया था. जिसके घर में वो रुका हुआ था वह लोग भी चाह रहे थे कि घर से गुड्डन चला जाए, क्योंकि एसटीएफ उन लोगों को भी गिरफ्तार कर रही है या फिर सख्ती बरत रही है जो इन आरोपियों को शरण दे रहे हैं. गुड्डन के दबदबे के चलते वो लोग अपने घर से जबरन उसे नहीं निकाल पा रहे थे.
कैसे हुआ गिरफ्तार
दरअसल, शनिवार यानी आज एटीएस की जुहू यूनिट को जानकारी मिली कि कानपुर शूटकाउट केस में फरार अभियुक्तों में से एक मुंबई में है. इसके बाद ठाणे और उसके आसपास के इलाकों में तलाशी शुरू हुई. एटीएस जुहू यूनिट ने ठाणे में जाल बिछाया और आरोपी अरविंद उर्फ गुड्डन त्रिवेदी और उसके ड्राइवर सोनू तिवारी को पकड़ लिया.
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शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि गुड्डन विकास दुबे के साथ कई अपराध में शामिल रहा है, जिसमें मंत्री संतोष शुक्ला मर्डर केस भी है. यूपी सरकार ने उसकी गिरफ्तारी के लिए इनाम की भी घोषणा की थी.
बता दें कि 2 जुलाई को कानपुर पुलिस गैंगस्टर विकास दुबे की दबिश करने पहुंची थी. विकास दुबे के घर में दाखिल होते ही पुलिस पर गोलियां बरसाई जाती हैं. इसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो जाते हैं.
वारदात को अंजाम देने के बाद विकास दुबे और उसके साथी मौके से फरार हो जाते हैं. घटना के करीब एक हफ्ते बाद विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार होता है. उज्जैन पुलिस उसे यूपी एसटीएफ को सौंप देती है. उज्जैन से कानपुर लाते वक्त विकास दुबे को एनकाउंटर में मार दिया जाता है.