अमेरिका में विदेशी नागरिकों की तस्करी करने के मामले में अदालत ने एक भारतीय को पांच साल की सजा सुनाई है. आरोपी भारतीय नागरिक ने करीब 400 विदेशी लोगों को गैरकानूनी तरीके से अमेरिका लाने में मदद की थी. इन लोगों में कुछ भारतीय भी शामिल थे.
न्याय विभाग ने इस संबंध में एक बयान जारी कर बताया कि 61 वर्षीय यादविंदर सिंह संधू ने इसी साल अपना जुर्म कुबूल करते हुए बताया कि उसने 2013 से 2015 के बीच करीब 400 विदेशियों को गैरकानूनी तरीके से अमेरिका लाने में मदद की थी. उसने बताया कि मानव तस्करी के दौरान एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी और कई लोगों की जान खतरे में पड़ी थी.
हैरान करने वाली बात ये है कि यादविंदर सिंह संधू कई नामों से जाना जाता था. अपने गैरकानूनी काम के लिए वो खुद को यादविंदर सिंह भाम्बा, भूपिंदर कुमार, राजिंदर सिंह, रॉबर्ट हॉवर्ड स्कॉट और एटकिन्स लॉसन हॉवर्ड आदि जैसे नाम के साथ पेश करता था.
संधू ने स्वीकार किया कि 2013 से डोमिनिकन रिपब्लिक, हैती, प्यूर्टो रिको, भारत और अन्य जगहों से मानव तस्करी की साजिश रचने में उसकी मुख्य भूमिका थी. यही नहीं यादविंदर सिंह संधू ने कैरिबियाई क्षेत्र से बाहर काम करने वाले अपने सहयोगियों को समय-समय पर दिशा निर्देश भी जारी करता था.
न्याय विभाग ने जानकारी देते हुए खुलास किया कि कई लोगों ने यादविंदर सिंह संधू को भारत से अमेरिका ले जाए जाने के लिए 30,000 से 85,000 डॉलर तक का भुगतान किया था. संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया कि 2013 से 2016 तक मानव तस्करी से हो रही कमाई ही आरोप की आय का मुख्य स्रोत था.