पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक बुजुर्ग पर पंचायत का तुगलकी फरमान भारी पड़ गया. दरअसल, उस पंचायत ने पहले बुजुर्ग को 'राक्षस' करार दे दिया और फिर उसके दोनों हाथों की सारी उंगलियां काटने का खौफनाक फरमान सुना डाला. जिसे अमल में लाते हुए उस बुजुर्ग की सारी उंगलियां काट दी गईं.
दिल दहला देने वाली यह वारदात बीरभूम के शांति निकेतन इलाके की है, जहां फंदी नामक एक बुजुर्ग के मामले में पंचायत बुलाई गई. 74 साल के आरोपी बुजुर्ग को भी तलब किया गया. आरोप था कि वो बुजुर्ग तंत्र-मंत्र और ऐसे ही क्रिया-कर्म करता है. मामले की सुनवाई के बाद तानाशाही दिखाते हुए पंचायत ने बुजुर्ग को राक्षस करार दे दिया.
बात यहीं खत्म नहीं हुई. इसके बाद तुगलकी फरमान सुनाते हुए पंचायत ने बुर्जुग के हाथ की सारी उंगलियां काटने का फरमान सुना दिया. पंचायत के दबाव में आकर बुजुर्ग की सारी उंगलियां तेजधार हथियार से काट दी गईं. इस दौरान वो रहम की भीख मांगता रहा, लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं सुनी.
उंगली काटने वालों में पीड़ित का बेटा भी शामिल था. इस खौफनाक घटना की सूचना मिलते ही पुलिस 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. हैरानी की बात है कि इस दिल दहला देने वाली वारदात में पीड़ित का बेटा भी शामिल था.
इलाके के कुछ लोगों का आरोप है कि फंदी 'राक्षस' था. वो तंत्र-मंत्र करता था. उसकी वजह से कई लोग बीमार हो गए थे. इसी वजह से ये मामला पंचायत में ले जाया गया था.
जिले के पुलिस अधीक्षक कुणाल अग्रवाल ने बताया कि इस घटना में पंचायत ने पीड़ित के बेटे पर भी अपने पिता की उंगलियां काटने का दबाव बनाया और उसे ऐसा करना पड़ा. इस मामले में अभी तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.