फिल्म निर्देशक दीपा मेहता की वेब सीरीज लैला इन दिनों चर्चा में है. इस सीरीज की कहानी भविष्य पर आधारित है. जिसमें सभ्यता और संस्कृति के नाम पर महिलाओं के शोषण को दर्शाया गया है. इस फिल्म की कहानी मुख्य किरदार शालिनी रिजवान चौधरी (हुमा कुरैशी) के आस-पास घूमती नजर आती है. इस सीरीज की कहानी साल 2047 के समाज को दर्शाती है. जहां एक ताकतवर इंसान गुरुमाता खुद सभ्यता और संस्कृति का ठेकेदार बना हुआ है. जो संस्कृति के खिलाफ जाने वालों को खुद सबक सिखाता है. उनकी जान तक ले लेता है. दरअसल, इस सीरीज की कहानी दिल्ली के एक आश्रम और उसके संचालक बाबा की कहानी से प्रेरित नजर आती है. जिसका पर्दाफाश 19 दिसबंर 2017 में हुआ था. पुलिस ने वहां छापेमारी की थी.
हम बात कर रहे हैं दिल्ली के आध्यात्मिक ईश्वरीय विश्वविद्यालय और उसके संचालक बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित की. जब उसके आश्रम और करतूतों का खुलासा हुआ था तो हर कोई हैरान रह गया था. देश के कई शहरों में अध्यात्म की शिक्षा देने के नाम पर वो महिलाओं और लड़कियों के साथ बलात्कार और शारीरिक शोषण करने के आरोपों से घिरा है. ढोंगी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के काले कारनामे देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के लिए भी परेशानी का सबब बन गए थे.
सीबीआई ने वीरेंद्र देव दीक्षित पर 5 लाख का इनाम घोषित किया था. वीरेंद्र देव दीक्षित आध्यात्मिक ईश्वरीय विश्वविद्यालय के नाम पर अय्याशी के आश्रम चलाता था. जहां लड़कियों को जबरन बंधक बनाकर रखा जाता था और बाबा उनका यौन शोषण करता था. पीड़ित परिवारों के कई दिन के हंगामे के बाद इस मामले की जांच दिल्ली हाइकोर्ट ने सीबीआई को सौंपी गई थी.
लैला वेब सीरीज में भी एक आश्रम जैसी सोसाइटी 'आर्यव्रत' दिखाई गई है. जिसका संचालक तो जोशी है, लेकिन वहां का सारा काम गुरुमां (आरिफ ज़कारिया) नामक शख्स देखता है. ये किरदार कहीं ना कहीं वीरेंद्र देव से प्रेरित नजर आता है. जो आलीशान सोसाइटी 'आर्यव्रत' का प्रमुख है. वहां उसी का राज चलता है. सीरीज में दिखाया गया कि अपने धर्म और संस्कृति को त्यागकर दूसरे समुदाय में शादी करने वाली महिलाओं को रास्ते पर लाने के लिए गुरुमां किसी भी हद तक जा सकता है.
ये बिल्कुल वैसा ही है, जैसे वीरेंद्र देव अपने आश्रम में बंधक बनाई गई महिलाओं के साथ पेश आता था. गुरुमां वैसे ही महिलाओं पर अत्याचार करता है. उनकी पिटाई कराता है. उनसे सोसाइटी के सारे काम कराता है. वीरेंद्र देव अपने आश्रम में अध्यात्मिक शिक्षा देने के नाम पर महिलाओं का शोषण करता था. वैसा ही इस सीरीज में दिखाया गया है कि कैसे भटक चुकी महिलाओं का शुद्धिकरण किया जाता है. और शुद्धिकरण के नाम पर उनका शोषण किया जाता है.
सीरीज में दिखाए गए कई वृतांत दिल्ली के ढोंगी बाबा वीरेंद्र देव की कहानी बयां करते नजर आते हैं. 6 एपिसोड की इस सीरीज के एक दृश्य में शालिनी एक इमारत की छत से खड़े होकर दूसरी इमारत पर पत्थर फेंकती है. ताकि कोई वहां से उसकी मदद करने के लिए आगे आए. लेकिन कोई नहीं आता है. ऐसा ही दिल्ली के अध्यात्मिक विश्वविद्यालय में भी होता था. वहां तो आश्रम की छत भी ग्रिल से बंद थी. बावजूद इसके वहां रहने वाली महिलाएं आस-पास के घरों की छतों पर मदद की आस में नजर लगाए रहती थीं.
इस वेब सीरीज में दिखाया गया कि कैसे शालिनी रिजवान चौधरी (हुमा कुरैशी) अपने पति और बेटी लैला के साथ खुशहाल जिंदगी जी रही होती है, लेकिन एक दिन अचानक कुछ अंजान लोग उनके घर में घुसकर उसके पति का कत्ल कर देते हैं. और शालिनी को उसकी बेटी को उठाकर ले जाते हैं. वैसे ही वीरेंद्र देव के साथ काम करने वाले कुछ लोग ऐसी महिलाओं को तलाश करते थे, जो किसी भी तरह से परेशान होती थी. फिर मदद और अध्यात्म के नाम पर उन्हें आश्रम में लाकर बंधक बना लिया जाता था. वे महिलाएं कभी बाहर नहीं जा पाती थीं.
देशभर में ढोंग की दुकान चलाने वाले वीरेंद्र देव दीक्षित ने दिल्ली के रोहिणी को अपना ठिकाना बनाया. वह खुद को 16108 गोपियों की जरूरत बताता था. जब19 दिसंबर को आध्यात्मिक ईश्वरीय विश्वविद्यालय पर पुलिस की रेड पड़ी तो पता चला कि वो आश्रम नहीं पूरा किला है. दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर जब टीम 21 दिसंबर की सुबह रोहिणी आश्रम पहुंची, तो उसे पूरे आश्रम की तलाशी लेने में 9 घंटे से भी ज्यादा का वक्त लगा. 1200 वर्ग गज के आश्रम में कुल 22 कमरे बने थे, जिनमें से 13 के ताले तोड़ दिए गए. इस दौरान वहां से 41 लड़कियां बरामद हुईं, जिनमें से 3 लड़कियां रिटायर्ड इंस्पेक्टर की थीं.
कुल मिलाकर वेब सीरीज लैला भी जुर्म और शोषण की ऐसी दास्तान है, जो आध्यात्मिक ईश्वरीय विश्वविद्यालय की तरह महिलाओं के दुख की कहानी बयां करती है. ये महज इत्तेफाक भी हो सकता है कि सीरीज की कहानी वीरेंद्र देव की करतूतों से मेल खाती है. लेकिन कहीं ना कहीं इस सीरीज में एक बड़ा मैसेज भी साफ नजर आता है, जो आने वाले भविष्य में होने वाली पानी की किल्लत, पर्यावरण की समस्या और महिलाओं के शोषण पर आधारित है.